चंडीगढ़: SC के लिए रिजर्व इंतेखाबी इलाके से मुसलमान या ईसाई इलेक्शन नहीं लड़ सकते हैं। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने यह इंतेज़ाम दिये है। कोर्ट ने कहा कि, इस तरह की सीटों से सिर्फ हिंदू, बौद्ध और सिख लोग इलेक्शन लड़ सकते हैं।
धर्मांतरण के मुद्दे पर मुल्क की किसी अदालत से इस तरह का यह पहला फैसला आया है। यह फैसला देते हुए जस्टिस एनके सांघी ने कहा कि, कोई शख्स एक मज़हब को छोड़कर दूसरा मज़हब अपनाता है तो दूसरे मज़हब में वह अपनी ज़ात बनाए रखने की सलाहियत नहीं रखता है।
यह फैसला पंजाब के साबिक सेक्रेटरी दरबारा सिंह गुरु की दरखास्त पर दिया। 2012 इंतेखाबात में दरबारा सिंह कांग्रेस के मुहम्मद सादिक से इलेक्शन हार गए थे। यह सीट SC के लिए रिजर्व थी।
हालांकि मुस्लिम और ईसाइयों को लेकर अदालत ने कहा कि, अगर ऐसे उम्मीदवार हिंदू, बौद्ध या सिख मज़हब अपना लें और यह साबित कर दें कि उनके अजदाद नस्ली तौर से SC के थे और इनमें से ही किसी एक मज़हब को मानते थे।
अदालत ने आईन के दफआत का हवाला देते हुए कहाकि कि, SC के लिए जो फायदे तय किए गए हैं उन्हें ईसाई या मुसलमान नहीं ले सकते।
मज़हब बदल लेने के बाद शख्स की ज़ात नहीं रह जाती है। हालांकि यह मामला कन्वर्जन का है न कि रिकन्वर्जन था। सादिक ने दावा किया था कि उन्होंने 2004 में इस्लाम छोड़कर सिख मज़हब कुबूल कर लिया था।