उच्चन्यायालय ने उत्तर प्रदेश मे कसाईखानों को बंद करने लिए एक निति की मांग करने वाली जनहित याचिका ख़ारिज करी

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका खारिज कर दी जिसमे मांग की गयी थी की उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिए जायें की वे कसाईखानों को बंद करने की एक निति बनाये। न्यायलय ने याचिका यह कह कर ख़ारिज कर दी मामला अभी लखनऊ बेंच के पास पहले से ही है।

मुख्य न्यायाधीश ‘डी बी भोसले’ और न्यायमूर्ति ‘यशवंत वर्मा’ की एक बेंच ने मेरठ निवासी ‘लोकेश चंद्र खुराना’ द्वारा दायर की गयी जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिन्होंने आरोप लगाया था कि ऐसी नीति के आभाव मे वैध लाइसेंसधारक को पीड़ाओं का सामना करना पड़ रहा है।

जनहित याचिका में उठाए गए मुद्दों को इस उच्च न्यायालय की दूसरी बेंच द्वारा तय किया जायेगा और राज्य सरकार को पहले से ही इस संबंध में नीति और दिशा-निर्देश तैयार करने का निर्देश दिया जा चूका हैं, बेंच ने कहा।

इसी तरह की एक याचिका पहले से ही लखनऊ पीठ में लंबित है ।

अपनी जनहित याचिका में ‘खुराना’ ने न्यायलय से मांग की थी वे राज्य सरकार को निर्देश दे की वैध लाइसेंस वाले लोगो को अवैध कसाईखाने खाने के नाम पर परेशान न किया जाये।

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि एक उचित नीति के अभाव में राज्य में ‘योगी आदित्यनाथ’ सरकार द्वारा की गयी कार्रवाई “अवैध और मनमानी” है और संविधान में दी गई आजीविका के अधिकार का उल्लंघन करती है ।