मदुरै : मद्रास उच्च न्यायालय ने रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी की दूसरी बेटी को पारिवारिक पेंशन का हक़ दिया है अगर उसके बड़े भाई बेहेन पेंशन लेने से मना करदे|
मृत हेड कांस्टेबल की अविवाहित बेटी, जोति की याचिका पर अपना फैसला देते हुए, मदुरै पीठ के न्यायाधीश एस एस सुन्दर ने दो हफ्ते में इस काम को करने की आदेश दिया|
जोति (68), ने याचिका दायर की थी जिसमे पारिवारिक पेंशन को उसके नाम पर करने का आग्रह था| इससे पहले जोति की बड़ी बेहेन वसीअम्मल ने दूसरी बार विद्वा होने बाद, पेंशन लेने से मन्ना कर दिया था|
वसीअम्मल अपने माता पिता के गुज़र जाने के बाद से पेंशन ले रही थी|
उसने दुसरा विवाह किया और उसके पति की मृत्यु हो गई| इसके बाद वसीअम्मल ने पेंशन लेने से इंकार कर दिया और अपनी छोटी बेहेन(याचिकाकर्ता,जोति) को पेंशन दिए जाने के समर्थन में एक हलफ़नामा दायर कर दिया था|
न्यायाधीश ने कहा की सरकारी आदेश के अनुसार वसीअम्मल पेंशन मिलने की हक़दार है परन्तु उसने अपनी बेहेन के लिए पेंशन को छोड़ने का फैसला किया है क्योंकि उसकी बेहेन अविवाहित है| इसमें कोई गलत बात नहीं है, इसलिए पेंशन जोति को दी जा सकती है