उजमा के हाथ काटे जाने के मामले में जांच के लिए भेजी गयी रिक्शा ड्रायवर की शर्ट

पटना1 जुलाई : राजेंद्रनगर टर्मिनल वाक़ेय रेलवे ट्रैक से उजमा आरा को उठा कर अस्पताल पहुंचानेवाले रिक्शा ड्रायवर कारू राम की शर्ट को पुलिस ने फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि उजमा को ट्रैक से उठाने के दौरान कारू की शर्ट में खून लग गया था। जांच से पता चल जायेगा कि वह खून उजमा का है या नहीं। अगर दोनों के खून मैच कर जाते हैं, तो साई का पता चल जायेगा। सनीचर को पुलिस ने कारू को राजेंद्रनगर टर्मिनल के करीब से खोज निकाला था।

उसी के बयान के बाद उजमा के हाथ काटे जाने के मामले में नया मोड आ गया था। कारू ने कहा था कि दरभंगा इंटरसिटी में चढ़ने के दौरान उजमा ट्रेन से फिसल कर ट्रैक पर गिर गयी। इसी दौरान उसका हाथ कट गया। हालांकि, उजमा के पिता ऐनुल अंसारी अब भी अपने पुराने बयान पर कायम है। ऐनुल दरभंगा के हेरियासराय के बेता गांव का रिहायसी है। वह दर्जी का काम करता है। उसे पांच बेटे व दो बेटियां हैं। बड़ा बेटा अरबाज आलम लहेरिया सराय में ही बीए पार्ट एक में पढ़ता है।

सीबीआइ जांच का मुताल्बा

पीएमसीएच में उजमा का इलाज करा रहा ऐनुल इतवार को भी अपने दिये गये बयान पर कायम है। उसने कहा कि उसे बिहार पुलिस पर भरोसा नहीं है। वह चाहता है कि पूरे मामले की जांच सीबीआइ करे। पहले दिये बयान में उसने कहा था कि 25 मई को उसके छोटे बेटे आलम का दरभंगा के मुजरिम जम्मू खां के भांजे बॉबी खां ने यर्गमाल कर लिया था। उसने रंगदारी की पूरी रकम नहीं दी थी, इसलिए उसने वारदात को अंजाम दिया। उसने बताया कि बॉबी खां ने उससे तीन लाख की रंगदारी मांगी थी, लेकिन उसने काफी दबाव के बाद मात्र दो लाख ही दिया।