उडीसा में दो ख़तरनाक माओवादियों(नक्सलवादी)की ख़ुदसपुर्दगी(आत्मसमर्पण)

नक्सलवादी सरगर्मीयों(गतिविधियों ) से बेज़ारगी और एक आम ज़िंदगी गुज़ार‌ने की ख़ाहिश के सबब दो सख़्त गीर माओवादियों ने उडीशा के कोरापुट ज़िला मैं ख़ुद को पुलिस के सपुर्द करदिया । गुज़शता रोज़ हौद सुपुर्दगी इख़तियार करने वाले इन माओवादियों की शनाख़्त रावत वदीदा और बराईआ सुरेका की हैसियत से की गई है जो ना रावना पटना पुलिस स्टेशन के तहत वाक़्य मौज़ा पोडो पावार से ताल्लुक़(संभंध‌) रखते हैं ।

पुलिस के मुताबिक़ इन दोनों ने अपनी ख़ुदसपुर्दगी के मौक़ा पर कहा कि पिछड़े हुए तबक़ात और कबायलियों के लिए काम करने के इरादा से वो नक्सलाइट तहरीक से वाबस्ता हुए थे लेकिन अब हम ने महसूस करलिया है कि ये सुर्ख़ बाग़ी अपने असल नज़रियात से मुनहरिफ़ होगए हैं । वो क़तल-ओ-ईज़ा रसानी में मुलव्वस होगए हैं । इन दोनों साबिक़ बाग़ीयों ने कहा कि माइ नवाज़ कारकुन रक़ूमात के जबरी वसूली में मुलव्वस होरहे हैं । हक़ीक़त तो ये है कि कबायलियों की मदद करने के बजाय अब वो इन (कबायलियों) केलिए अज़ाब बन गए हैं