नई दिल्ली 16 फरवरी: बीजेपी और इस की हलीफ़ जमातों ने असेंबली ज़िमनी चुनाव में नुमायां कामयाबी हासिल की है। 8 रियासतों में 12 नशिस्तों के मिनजुमला 7 पर उन्हें कामयाबी मिली जबकि उत्तरप्रदेश में हुक्मराँ समाजवादी पार्टी और कर्नाटक में कांग्रेस को धक्का पहुंचा। बीजेपी ने उतर प्रदेश में फ़िर्कावाराना नौईयत से हस्सास मुज़फ़्फ़रनगर असेंबली हलक़ा में बीजेपी कामियाब हो गई।
इस रियासत में हुक्मराँ जमात को 3 में से 2 नशिस्तें खो देना पड़ा।देवबंद हलक़ा से कांग्रेस उम्मीदवार ने कामयाबी हासिल की जबकि बीकापूर से समाजवादी पार्टी कामयाबी हासिल पाई। हैदराबाद की एक मुक़ामी जमात ने इस हलके से अपना उम्मीदवार नामज़द किया था जिसकी ज़मानत ज़बत हो गई। मजलिस के इस उम्मीदवार को 360 वोट हासिल हुए।
ये वाहिद असेंबली नशिस्त है जहां पर समाजवादी पार्टी अपना क़बज़ा बरक़रार रख पाई। मुज़फ़्फ़रनगर से बीजेपी के कपिल देव अग्रवाल ने समाजवादी पार्टी के गुरू सरूप को 7352 वोटों से हरा दिया। ये मुक़ाबला ज़ाफ़रानी जमात के लिए काफ़ी अहम तसव्वुर किया जा रहा था क्युं कि यहां 2013 में फ़िर्कावाराना फ़सादाद के बाद से हिंदूतवा के मसाइल पर मुसलसिल मुहिम जारी है।
इसी तरह मूसिल में एक शख़्स के हाथ काटते हुए दिखाया गया था। दो साल पहले आई ऐस ने सोश्यल मीडीया पर ही एक दस्तावेज़ जारी करते हुए ताज़ीरी क़वाइद की सराहत की थी और कहा था कि जराइम का इर्तिकाब करने वालों को इस्लामिक स्टेट में शरई क़ानून के मुताबिक़ सज़ा दी जाएगी। ये भी दावा किया गया है कि इस्लामिक स्टेट की अदालत में मुक़द्दमा की समाअत के बाद ये सज़ाएं दी जा रही हैं। सज़ा पर अमल आवरी से पहले मुजरिम के करतूत सब के सामने पढ़ कर सुनाए जाते हैं और सज़ा के वक़्त ज़्यादा से ज़्यादा अवाम की शिरकत को यक़ीनी बनाया जाता है। यहां पर इहानत इस्लाम के इलावा क़तल, जासूसी और दीगर संगीन जराइम की सज़ा मौत है। चोर के हाथ काट दिए जाते हैं।