मुज़फ़्फ़र नगर तशद्दुद पर क़ाबू पाने सख़्त कार्रवाई ज़रूरी :आर एल डी क़ाइद ,मर्कज़ी वज़ीर अजीत सिंह का मुतालिबा
यू पी के मग़रिबी अज़ला में फ़िर्कावाराना तशद्दुद के बाद ज़िला बरेली और दीगर हस्सास इलाक़ों के सयान्ती इंतेज़ामात में शिद्दत पैदा कर दी गई है। डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट अभिषेक प्रकाश ने कहा कि ग़ैर समाजी अनासिर की जानिब से माहौल को मुतास्सिर करने के अंदेशों के तहत इमतिनाई अहकाम जारी कर दिए गए हैं और एहतियाती इक़दाम के तौर पर तमाम मुलाज़मीन पुलिस की रुख़स्त मंसूख़ करदी गई है ये फ़ैसला इंतेज़ामीया और पुलिस के ओहदेदारों तक के इजलास के दौरान जो गुज़िशता रात मुनाक़िद किया गया था, पहुंचा दिया गया है।
मुज़फ़्फ़र नगर का तशद्दुद पड़ोसी अज़ला में फैलने की ख़बरों के पेशे नज़र 45 सरिया उल-हरकत पुलिस फ़ोर्स और सुबाई मुसल्लह कांस्टेबलरी की कंपनीयां 71 हस्सास इलाक़ों में तायनात करदी गई हैं। शहामत गंज , कुल हाद्दा पैर ,काली बाड़ी ,शाह दाना ,क़ुतुब ख़ाना और मठ की चौकी के इलाक़ों में सख़्त चौकसी इख़तियार करली गई है और सी सी टी वी कैमरे भी नसब कर दिए गए हैं। म हिकमा सुराग़ रसानी के शोबों को भी चौकस कर दिया गया है और इमकानी अश्रार की निशानदेही की जा रही है।बरेली फ़िर्कावाराना एतबार से एक हस्सास इलाक़ा है।
माज़ी क़रीब में यहां कई बार फ़िर्कावाराना तशद्दुद होचुके है। नई दिल्ली से मौसूला इत्तिला के बमूजब मर्कज़ी वज़ीर और राष्ट्रीय लोक दल के क़ाइद अजीत सिंह ने मुज़फ़्फ़र नगर के तशद्दुद पर ईज़हार-ए-तशवीश करते हुए आज कहा कि ये दीगर रियास्तों तक भी पहुंच सकता है। अगर सख़्त कार्रवाई के ज़रीये इस पर क़ाबू ना पाया गया तो बाद में ये बेक़ाबू भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि कलीदी फ़िक्रमंदी दीगर मुक़ामात तक तशद्दुद के फैलाव को रोकना है।
अगर इस पर अब क़ाबू ना पाया जाये तो ये दीगर रियास्तों तक फैल सकता है। अगर ऐसा होजाए तो सूरत-ए-हाल क़ाबू से बाहर होजाएगी इस लिए फ़ौरी सख़्त कार्रवाई ज़रूरी है। उन्होंने समाजवादी पार्टी और बी जे पी पर इल्ज़ाम आइद किया कि वो राय दहनदों की सफ़ बंदी के लिए फ़िर्कावाराना कशीदगी फैला रहे हैं। अखिलेश यादव हुकूमत ने तशद्दुद के इंसिदाद के लिए बरवक़्त कार्रवाई नहीं की।
जिस दिन से ये हुकूमत बरसर-ए-इक्तदार आई हैं 100 वाक़ियात होचुके हैं और 27 वाक़ियात में या तो जानी नुक़्सान होचुका है या लोग शदीद ज़ख़मी होचुके हैं।यू पी हुकूमत पर फ़िर्कावाराना कशीदगी भड़काने का इल्ज़ाम आइद करते हुए आर एल डी के सरबराह ने कहा कि 1992 में भी बाबरी मस्जिद की शहादत के वक़्त फ़ैज़ाबाद में कोई कशीदगी नहीं थी लेकिन अब इस क़स्बे में दोनों फ़िरक़े बाहम दस्त-ओ-गरीबां हैं। उन्होंने बी जे पी और समाजवादी पार्टी दोनों पर शक ज़ाहिर करते हुए कहा कि हर शख़्स जानता है कि हिंदू और मुस्लमानों दोनों केलिए राम मंदिर कोई मसला नहीं है दोनों अदालती फ़ैसले का इंतेज़ार कर रहे हैं।