लखनऊ: हुकूमत उत्तरप्रदेश ने 50 अज़ला में किसानों से वसूल तलब बक़ाया जात (मालगुज़ारी ) की बाज़याबी को फ़ील-फ़ौर रोक दिया। एक सरकारी तर्जुमान ने आज बताया कि 75 के मिनजुमला 50 अज़ला में जारिया साल जून ता सितम्बर 60 फीसद से भी कम बारिश य फिर 33 फीसद से भी ज़्यादा फसलों को नुक़्सान पहुंचा है।
आफ़ात-ए-समावी कमेटी की सिफ़ारिश पर इन अज़ला को ख़ुशकसाली मुतास्सिरा क़रार देने का फैसला किया गया जहां पर नेशकर , दालें , गहियों , चावल और तिजारती फसलें उगाई जाती हैं और किसानों से वसूल तलब वाजिबात की बाज़याबी को फ़ील-फ़ौर रोक देने के अहकामात जारी कर दिए गए हैं।
ज़िला मजिस्ट्रेट से कहा गया है कि सूरत-ए-हाल से निमटने के लिये एक मन्सूबा तैयार करें और ये यक़ीनी बनाया जाये कि रेवन्यू की वसूली के नाम पर किसानों को हिरासाँ ना किया जाये। चीफ मिनिस्टर अखिलेश यादव ने सरकारी महिकमों को हिदायत दी है कि ख़ुशकसाली से मुतास्सिरा क़रार दिए गए अज़ला में किसानों के लिये इमदाद और राहत फ़राहम करने के इक़दामात किये जाएं।