लखनऊ 30 मार्च (पी टी आई) वज़ीर फ़ीनानस पी चिदम़्बरम ने आज कहा कि मुल्क भर में मुख़्तलिफ़ बैंकों की नई शाख़ों के क़ियाम की मांग में ज़बरदस्त इज़ाफ़ा होरहा है। उन्होंने इस उमीद का इज़हार किया कि बैंक ज़िम्मे दारान उस ज़रूरत पर मुसबत रद्द-ए-अमल का इज़हार करेंगे।
मिस्टर चिदम़्बरम ने जो उत्तरप्रदेश में 300 नई बैंक शाख़ों का इफ़्तिताह कररहे थे, कहा कि बैंक शाख़ें कई वजूहात के सबब नुमायां एहमीयत की हामिल हैं। अवाम ये शिकायत कररहे हैं कि वो अपने बैंक अकाऊंट नहीं खोल पारहे हैं। अगर 10 किलो मीटर के अहाते में किसी बैंक की शाख़ मौजूद ना हो तो आप किस तरह अपना बैंक खाता खोल सकते हैं।
मिस्टर चिदम़्बरम ने मज़ीद कहा कि बैंक खातों के बगै़र आप छोटी बचतों को मुतहर्रिक करने के लिए अवाम तक किस तरह रसाई हासिल करसकते हैं। मुझे इस बात पर ख़ुशी है कि अब मुख़्तलिफ़ देहातों और कस्बों में नई बैंक शाख़ों के क़ियाम की मांग में ज़बरदस्त इज़ाफ़ा होरहा है।
मुझे यक़ीन है कि मुख़्तलिफ़ बैंक्स उस ज़रूरत पर मुसबत रद्द-ए-अमल का इज़हार करेंगे। मिस्टर चिदम़्बरम ने कहा कि गुज़िश्ता दो तीन साल के दौरान हर साल औसतन 6 हज़ार नई बैंक शाख़ें खोली गई हैं। उन्होंने यक़ीन का इज़हार किया कि 2013-14 में हमारी तमाम बैंक्स कसीर तादाद में अपनी शाख़ें क़ायम करेंगी।
सिर्फ़ उत्तरप्रदेश में 2,700 नई शाख़ें क़ायम करने का एक मंसूबा है। अगर आप उत्तरप्रदेश में ऐसा कर पाते हैं तो आप मुल्क भर में कम से कम 10 ता 12 हज़ार शाख़ें क़ायम करसकते हैं। में चाहता हूँ कि इस निशाना के हुसूल के लिए बैंकर्स को चाहीए कि मुम्किना बेहतरीन मसाई करें।