उत्तराखंड के गवर्नर अज़ीज़ कुरैशी का ओहदा ख़तरे में

उत्तरप्रदेश के नए गवर्नर राम नाविक अगले हफ़्ता मंगल तक लखनऊ आकर अपने ओहदा का चार्ज ले लेंगे। अभी तक उत्तरप्रदेश के गवर्नर का इज़ाफ़ी चार्ज उत्तराखंड के गवर्नर अज़ीज़ कुरैशी के पास है। गवर्नर अज़ीज़ कुरैशी ने अपने उत्तराखंड और यू पी के इज़ाफ़ी चार्ज की गवर्नरी को बचाने के लिए गवर्नर के वक़ार, मंसब तक को दाव‌ पर लगा दिया।

उन्होंने मोदी भगती की मिसाल क़ायम करते हुए यू पी राज भवन से फ़रमान जारी किया कि रियासत के तमाम सरकारी दफ़ातिर में बाबाए क़ौम महात्मा गांधी की तसावीर को हटाकर उनके बजाय तमाम सरकारी दफ़ातिर में वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी की तसावीर लाज़िमी तौर पर लगाई जाएं, इतना ही नहीं गवर्नर अज़ीज़ कुरैशी ने बी जे पी को राम करने के लिए अपने लखनऊ के क़ियाम के दौरान मंदिरों में हाज़िरी दी।

बी जे पी के क़ौमी सदर मर्कज़ी वज़ीर दाख़िला राज नाथ सिंह की सालगिरह‌ की मुबारकबाद देने के लिए गए। साबिक़ वज़ीर आज़म अटल बिहारी वाजपाई के मोतमिद ख़ास साबिक़ रियासती वज़ीर लाल जी टंडन से मिलने और नौजवान शीआ आलिमे दीन मौलाना कलब जव्वाद नक़वी की जानिब से दिए गए इफ़तार में शरीक हुए।

वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी से मिलने भी गए, इन तमाम कोशिशों के बावजूद बी जे पी ने अज़ीज़ कुरैशी से यू पी का इज़ाफ़ी चार्ज वापिस ले लिया है और अब उनके उत्तराखंड के गवर्नर से बनाए जाने की भी बारी है। गो कि अज़ीज़ कुरैशी गवर्नर उत्तराखंड की कुर्सी को बचाने के लिए अपना सब कुछ दाव‌ पर लगाने को तय्यार हैं।

बताया जाता है कि अगर गवर्नर अज़ीज़ कुरैशी की अमीत शाह से मुलाक़ात होगई होती तो शायद उनकी गवर्नर की कुर्सी बच जाती। उत्तराखंड के गवर्नर की कुर्सी अमीत शाह को राम कर के अज़ीज़ कुरैशी साहब बचा सकते हैं।