भारत सरकार में मंत्री और बीजेपी में तकात रखने वाले अरुण जेटली ने कहा कि शनिवार रात कैबिनेट की मीटिंग में उत्तराखंड पर विचार हुआ था। इसके बाद राष्ट्रपति से सिफारिश की गई कि उत्तराखंड में संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन हो रहा है। इसलिए वहां धारा 356 के तहत कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि धारा 356 के प्रयोग का इससे बेहतर उदाहरण नहीं हो सकता। बीते नौ दिनों से राज्य सरकार संविधान का उल्लंघन कर रही थी। जेटली ने कहा कि अब राष्ट्रपति ही राज्य के वित्तीय फैसले भी लेंगे।
बीजेपी के सीनियर नेता भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि हरीश रावत को मालूम होना चाहिए कि कैबिनेट की सिफारिश पर ही राष्ट्रपति फैसला करते हैं।अगर वह एक बार सिफारिश लौटा भी दें तो दोबारा भेजे जाने पर उन्हें दस्तखत करना ही होता है।उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रपति का फैसला है।मोदी सरकार का नहीं। बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने हॉर्स ट्रेडिंग कर बहुमत साबित करने की कोशिश लोकतंत्र की हत्या है।इसके बाद गिरोह की सरकार बनती, जो सही नहीं होता। इसलिए लोकतंत्र का सम्मान करने और राज्य को गिरोह की सरकार से बचाने के लिए राष्ट्रपति शासन वक्त की मांग थी।