देहरादून : 15 फरवरी को उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होंगे | लेकिन बीजेपी ने अपने 33 नेताओं को चुनाव होने से पहले ही पार्टी से निकाल दिया है| इस बड़े बदलाव पर बीजेपी का कहना है कि इन नेताओं पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है| इन नेताओं को 6 साल के लिए पार्टी से निकाला गया है|
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने इस मामले पर कहा कि इन नेताओं के पार्टी में रहने या न रहने से आने वाले चुनावों में कोई फर्क नहीं पड़ेगा| आपको बता दें कि करीब 17 नेताओं को भी इन नेताओं से पहले पार्टी से निकाला जा चुका है|
आपको बता दें कि कांग्रेस के बागी नेताओं को बीजेपी से टिकट देने से कई बीजेपी नेता नाराज हो गए थे और उन्होंने पार्टी से अलग होकर चुनाव लड़ने का फैसला किया| राज्य की कई सीटों से बीजेपी के बागी उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे है| पार्टी द्वारा इन उम्मीदवारों को पार्टी द्वारा कई बार मनाने की कोशिश की गई लेकिन कोई कामयाबी नहीं हाथ लगी|18 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी में असंतोष नजर आया| जिसके बाद बीजेपी के पुराने नेताओं ने बागी तेवर दिखाते हुए बाद 10 से ज्यादा सीटों पर अलग से चुनाव लड़ने का ऐलान किया| बार-बार अपने नेताओं को पार्टी से निकालने के बाद यह बीजेपी के लिए कितना सही साबित होता है| यह आने वाले चुनावों पर असर डालेगा या नहीं ये देखना बहुत दिलचस्प होगा |
कांग्रेस के बागी विधायकों को बीजेपी द्वारा टिकट दिया गया | जिसके बाद मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह पर कांग्रेस के बागी विधायकों को गुमराह करने का आरोप लगाया था|
किसी भी सीएम उम्मीदवार की घोषणा बीजेपी द्वारा उत्तराखंड में नहीं की गई है क्योंकि चुनावों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ही चेहरा सामने रखा गया है| प्रधानमंत्री का चेहरा सामने होने से उन्हें राज्य में जीत हासिल होगी ऐसा बीजेपी का मानना है| मिली जानकारी के मुताबिक़ चुनावों को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मीदी की 4 रैलियां होनी है जिनमें 10 फरवरी को हरिद्वार, 11 फरवरी को पिथौरागढ़, 12 फरवरी को श्रीनगर, गढ़वाल और रुद्रप्रयाग शामिल है|