उत्तराखंड मुतास्सिरीन की इमदाद में मर्कज़ ग़ैर संजीदा: चन्द्रबाबू नायडू

हैदराबाद 29 जून: देहरादून एरपोर्ट पर अरकान पार्लीमान के दरमयान पेश आए हाथापाई के वाक़िये पर सदर तेलुगूदेशम एन चन्द्रबाबू नायडू से आज मुल्क से माज़रत ख़्वाही का इज़हार करते हुए कहा कि इस तरह का वाक़िये बेइंतिहा अफ़सोसनाक है।

बहैसीयत अवामी नुमाइंदा वो इस वाक़िये से शर्मिंदा हैं और इस वाक़िये पर क़ौम से माज़रत ख़्वाही का एलान करते हैं। सदर तेलुगूदेशम एन चन्द्रबाबू नायडू ने आज अपने दौरा-ए-देहरादून से वापसी के बाद ज़राए इबलाग़ के नुमाइंदों से बातचीत कररहे थे।

उन्होंने बताया कि इतनी भयानक सूरत-ए-हाल के बावजूद भी मर्कज़ी हुकूमत ने उत्तराखंड सैलाब को क़ौमी आफ़त क़रार नहीं दिया जिस से हुकूमत की ग़ैर संजीदगी का इज़हार होता है।

नायडू ने बताया कि उन्हें आज भी एसा महसूस होता हैके मर्कज़ी हुकूमत उत्तराखंड के सैलाब मुतास्सिरीन की बाज़ आबादकारी के मुताल्लिक़ संजीदा नहीं है।

उन्होंने वज़ीर-ए-आज़म के फ़िज़ाई सर्वे पर सख़्त तन्क़ीद करते हुए कहा कि वज़ीर-ए-आज़म को कम अज़ कम देहरादून में क़ियाम करना चाहीए था लेकिन मर्कज़ी हुकूमत ने ग़ैर संजीदगी का मुज़ाहरा करते हुए अवाम को उनके हाल पर छोड़ दिया।

नायडू ने बताया कि उन्होंने उत्तराखंड में जो मुनाज़िर देखे हैं इस से रूह काँप गई। उन्होंने बताया कि जितने सैलाब से हलाक हुए हैं इन में कई लोग भूक और प्यास की शिद्दत के सबब हलाक होने वाले शामिल हैं।

सदर तेलुगूदेशम ने एक मुतास्सिरा ख़ातून के बयान का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें एक ख़ातून ने बताया कि वो भूक और प्यास की शिद्दत में इस क़दर मुबतला थी कि जिस पानी में से नाशें बह रही थीं वो पानी छानकर पीने पर मजबूर हुई।

नायडू ने एक और वाक़िये का तज़किरा करते हुए कहा कि रियासत से ताल्लुक़ रखने वाली एक ख़ातून को जब तेलुगूदेशम राहत कारी अमला ने बचाया तो इस के जिस्म पर कपड़े तक नहीं थे।

उन्होंने वाज़िह किया कि मर्कज़ी-ओ-रियास्ती हुकूमत की तरफ से सैलाब मुतास्सिरीन को नजरअंदाज़ किए जाने के सबब तेलुगूदेशम पार्टी ने इंसानी हमदर्दी की बुनियादों पर राहत कारी इक़दामात में हिस्सा लिया।

हुकूमत की तरफ से अंजाम दिए जाने वाले राहत कारी इक़दामात पर अदम इतमीनान का इज़हार करते हुए सदर तेलुगूदेशम ने कहा कि हुकूमत के पास लाखों करोड़ का बजट है।

अगर हुकूमत 50 ख़ानगी हेलीकाप्टरस की ख़िदमात हासिल करती तो सैंकड़ों जानों का तहफ़्फ़ुज़ किया जा सकता था लेकिन हुकूमत ने मुकम्मिल तौर पर हिन्दुस्तानी फ़िज़ाईया पर नज़र अंदाज़ करते हुए अवाम को मौत की कश्मकश में मुबतेला रखा।

उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के बेशतर मुक़ामात पर पानी तक नहीं दिया गया जबकि हुकूमत अगर संजीदा इक़दामात करती तो इस तरह की आफ़ात से निमटने के लिए मौजूद तीनों महिकमों को मुतहर्रिक किया जाता लेकिन एसा नहीं किया गया जिस से अंदाज़ा होता हैके हुकूमत को अवामी मसाइल से कोई दिलचस्पी नहीं है।

नायडू ने वज़ीर-ए-आज़म डक्टर मनमोहन सिंह से अपील की के वो अब भी इस सैलाब को क़ौमी आफ़त समावी क़रार देते हुए मुतास्सिरीन को मुनासिब एक्स गरीशया की फ़राहमी का एलान करे।

नायडू ने बताया कि तेलुगूदेशम पार्टी एन टी आर मैमोरियल ट्रस्ट की तरफ से महलोकीन के विरस को एक्स गरीशया का मंसूबा रखती है।

महलोकीन के बच्चों की तालीमी ज़िम्मेदारी कुबूल करने तैयार है। एन चन्द्रबाबू नायडू ने अतीया दहिंदगान से इज़हार-ए-तशक्कुर करते हुए उनसे अपील की के वो वज़ीर-ए-आज़म रीलीफ़ फ़ंड में भी फ़राख़दिलाना अतयात रवाना करें ताके उत्तराखंड के मुतास्सिरीन की बाज़ आबादकारी को यक़ीनी बनाया जा सके।