उत्तराखंड में कई जगह बादल फटे, भारी तबाही, 30 लोगों की मौत

देहरादून/नैनीताल। उत्तराखंड में गुरुवार रात से हो रही बारिश और बादल फटने से जानमाल का भारी नुकसान हुआ है। चमोली और पिथौरागढ़ जिलों में कई जगह बादल फटे हैं। इसके चलते अलकनंदा, सरयू और मंदाकिनी समेत करीब 10 नदियां खतरे के निशान के आसपास बह रही हैं। बादल फटने से कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई है। नदियों में आए उफान से कई लोग, मकान और जानवर बह गए हैं। ऋषिकेश-बद्रीनाथ नेशनल हाइवे (एनएच-58) भी जगह-जगह मलबा आने से बंद हो गया है। यमुनोत्री, केदारनाथ के रास्ते पर भी हजारों लोग फंसे हैं। बाढ़ और बारिश से प्रभावित इलाकों में बचाव दल भेजे गए हैं।
पिछले 24 घंटों में 54 मिमी बारिश होने से पहाड़ी राज्य की सभी नदियां और नाले उफान पर हैं। मौसम विभाग ने अगले 72 घंटों में नैनीताल, उधमसिंह नगर और चंपावत में भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। बारिश से हुए भूस्खलन से यमुनोत्री हाइवे को नुकसान पहुंचा है। गंगोलगांव में भूस्खलन के बाद केदारनाथ हाइवे पर भारी वाहनों की एंट्री रोक दी गई है। पिथौरागढ़ में थल-मुनस्यारी रोड भी जाम हो गया है और सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं। बद्रीनाथ से गौचर के बीच में करीब तीन हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है।
बारिश से चमोली और पिथौरागढ़ जिले में भारी तबाही हुई है। पिथौरागढ़ जिले के बतसड़ी, सिगली और नोल्डा में बादल फटने की जानकारी है। इससे कई घर भी गिर गए हैं। घायलों और लापता लोगों के लिए बचाव अभियान जारी है। सीएम हरीश रावत ने कहा है कि आपदा प्रबंधन टीमों को घटनास्थलों पर भेजा गया है। उन्होंने कहा कि भारी बारिश और इससे नुकसान को लेकर पहले से अलर्ट जारी कर दिया गया था। पिथौरागढ़ से 50 किमी दूर बसतड़ी में बादल फटा है। यहां पर काफी नुकसान होने की आशंका है। राज्य आपदा प्रबंधन के मुताबिक यहां कम से कम 20 लोग लापता हैं। वहीं, चमोली के गोपेश्वर में मंदाकिनी नदी के पास भी बादल फटने से कई घर बह गए हैं और कई के बहने का खतरा बना हुआ है। चमोली में घाट ब्लॉक के जाखड़ी गांव में बादल फटने के बाद गांव के पांच लोग लापता हैं। दसोली ब्लॉक के सिरों गांव से जाने वाले नाले में उफान आने से दो लोग बह गए हैं।