उत्तर प्रदेश चुनावों को लेकर असद उद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM पूरे ज़ोर शोर से इलेक्शन की तय्यारियों में लग गयी है और जिन सीटों पर पार्टी को लगता है कि वो जीत सकती है वहाँ पर और मेहनत की जा रही है. AIMIM के जीतने और हारने के लिए कौन सी बातें अहम् होने वाली हैं आइये डालते हैं एक नज़र…
पांच बातें जो उन्हें कामयाब कर सकती हैं …
- नौजवान मुसलमानों के बीच ओवैसी की शानदार पॉपुलैरिटी है अगर ये नौजवान जो ओवैसी को पसंद करते हैं, वोट भी मीम को करें तो बात बन सकती है.
- जो मुसलमान समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को अच्छा नहीं समझते वो ओवैसी की तरफ आ सकते हैं
- ओवैसी फेसबुक जैसे प्लेटफार्म पर बहुत मशहूर हैं और इसका फ़ायदा उन्हें मिल सकता है
- सही लोगों को टिकेट दिया जाए तो बात बन सकती है
- सिर्फ़ मुसलमानों के वोट से ज़्यादा अच्छा कर पाना मुश्किल है, पार्टी को ऐसी रणनीति बनानी होगी कि दूसरे तबक़ों से लोग आयें, हालाँकि ओवैसी का दावा है कि दलित उनके साथ हैं.
पांच बातें जो उन्हें कामयाबी से दूर कर सकती हैं…
1. ओवैसी की छवि साम्प्रदायिक है और उनको सिर्फ़ मुसलमानों के नेता के बतौर देखा जाता है जबकि ओवैसी को अगर चुनाव में अच्छा करना है तो अपनी छवि सुधारनी होगी.
2. हैदराबाद की पार्टी को उत्तर प्रदेश के लोग कैसे स्वीकार करेंगे ये देखने की बात होगी
3.ओवैसी ख़ुद तो अच्छा भाषण देते हैं लेकिन उनके इलावा कोई दूसरा लीडर उनकी पार्टी से नहीं दिखता जो समा बाँध सके
4. उत्तर प्रदेश चुनावों को किन मुद्दों पर लड़ा जा रहा है और उनकी पार्टी इसमें किस भूमिका में है, लोग असमंजस में हैं
5. ओवैसी की जो पॉपुलैरिटी फेसबुक और ट्विटर पर है क्या वही गली कूचों में भी है, इसका जवाब देना मुश्किल है और ये बड़ी रुकावट बन सकता है क्यूंकि आप अपने को ओवर एस्टीमेट कर लें तो परेशानियां आ जाती हैं
(सिआसत स्पेशल)