उत्तर प्रदेश चुनाव 2017 के लिए रिहाई मंच ने जारी की अपील

लखनऊ : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की शहादत दिवस की बरसी पर रिहाई मंच ने प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव के लिए जनता से अपील जारी करते हुए कहा है कि बापू के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि यही हो सकती है कि आज के दिन प्रत्येक प्रदेशवासी संकल्प ले कि साम्प्रदायिक, जातिवादी और आर्थिक हिंसा के पैरोकार नेताओं और सियासी पार्टियों को वो अपना मत नहीं देंगे।
रिहाई मंच प्रवक्ता शाहनवाज आलम ने बताया कि रिहाई मंच ने अपील की है कि मुसलमानों को सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों पर उठ रहे सवालों को राजनीतिक सवाल बनाने, बेगुनाहों को तत्काल रिहा कर मुआवजा व पुर्नवास करने और दोषी पुलिस और खुफिया अधिकारियों को सजा देने, दूसरी किसी भी जमात से ज्यादा आबादी होने के बावजूद हिस्सेदारी से वंचित कर छले जाने, सच्चर और रंगनाथ आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग के बजाए इन पर अब तक कोई अमल न करने वाली पार्टियों को कटघरे में खड़ा करने, साम्प्रदायिक हिंसा पीड़ितों के लिए आरक्षण, धारा 341, एससीएसटी ऐक्ट की तरह माइनाॅरिटी ऐक्ट, आतंकवाद के नाम पर होने वाली घटनाओं की जांच कराने के लिए विशेष न्यायिक आयोग के गठन जैसे मुद्दों पर राजनीतिक दलों और उनके प्रत्याशियों से उनका पक्ष पूछना चाहिए।
अपील में कहा गया है कि इस चुनाव में दलित व महिला उत्पीड़न पर कोई बहस नहीं है जबकि यूपी इस उत्पीड़न के मामले में अव्वल है। सियासी दल दलितों के आर्थिक विकास के झूठे वादे तो करते हैं लेकिन सामंती जुल्म पर चुप रहते हैं। अपील में दलितों से दलित थाने, बंुदेलखंड को दलित उत्पीड़न क्षेत्र घोषित करते हुए विशेष सामाजिक सुरक्षा पैकेज देने की मांगों पर उम्मीदवारों और पार्टियों से स्पष्ट जवाब मांगने की अपील की गई है।