उत्तर प्रदेश में मजमूई तौर पर 60 फ़ीसद रिकार्ड राय दही

उत्तर प्रदेश के सयासी तौर पर हस्सास सातवें मरहले की राय दही आज मजमूई तौर पर ना सिर्फ पुरअमन रही बल्कि अब तक की सब से ज़्यादा 62 फ़ीसद रिकार्ड की गई। इस तरह एक माह से जारी इंतेख़ाबी अमल आज मुकम्मल हुआ और अब तमाम तवज्जा नताइज मर्कूज़ हो चुकी हैं।

चीफ़ इलेक्शन कमिशनर एस वाई क़ुरैशी ने दिल्ली में अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में मजमूई तौर पर अब तक की सबसे ज़्यादा तक़रीबन 60 फ़ीसद राय दही रिकार्ड की गई है जो 2007 के मुक़ाबले 30.23 फ़ीसद ज़ाइद है। 2007 असेंबली इंतेख़ाबात में मजमूई राय दही का फ़ीसद 46.07 था।

इससे क़ब्ल 1993 में आज़म तरीन राय दही रिकार्ड की गई जहां 57.13 फ़ीसद राय दहिंदगान ने हक़ राय दही से इस्तेफ़ादा किया था। चीफ़ इलेक्शन कमिशनर ने राय दहिंदगान से इस मर्तबा ज़्यादा से ज़्यादा तादाद में हिस्सा लेते हुए तारीख़ रक़म करने पर इज़हार-ए-तशक्कुर किया।

उन्होंने कहा कि गुज़श्ता के मुक़ाबिल इस बार ख़ातून राय दहिंदगान में भी 42.77 फ़ीसद इज़ाफ़ा हुआ। 2012 असेंबली इंतेख़ाबात में जुमला 59.85 फ़ीसद ख़ातून राय दहिंदगान ने हक़ राय दही से इस्तेफ़ादा किया जबकि 2007 में ये 41.92 फ़ीसद था। मिस्टर क़ुरैशी ने कहा कि मर्द राय दहिंदगान का फ़ीसद 57.82 रिकार्ड किया गया।

आख़िरी मरहले में 60 नशिस्तों पर राय दही हुई जबकि इनमें निस्फ़ से ज़ाइद नशिस्तों पर बी एस पी का क़ब्ज़ा है। सुबह 7 बजे राय दही का आग़ाज़ हुआ और 5 बजे इख़तेताम तक 62.04 फ़ीसद राय दही रिकार्ड की गई। चीफ़ इलेक्ट्रॉल ऑफीसर ऊमेश सिन्हा ने ये बात बताई।

आख़िरी मरहले में 962 उम्मीदवार मुक़ाबले में शरीक थे जिनमें कई अहम सयासी क़ाइदीन शामिल हैं। मुमताज़ सयासी क़ाइदीन बिशमोल जया पर्दा, मुख्तार अब्बास नक़वी, मर्कज़ी मुमलिकती वज़ीर जतिन प्रसाद, मुहम्मद अज़हर‍ उद्दीन और आज़म ख़ान ने राय दही में हिस्सा लिया।