उत्तर प्रदेश में लोक आयुक़्त और वज़ीर में ठन गई

लखनऊ, ०१ जनवरी: (पी टी आई) उत्तरप्रदेश में मायावती वज़ारत के कई अरकान इंसिदाद रिश्वत कार्यवाईयों का सामना कर रहे हैं। इस दौरान रियास्ती वज़ीर-ए-तवानाई राम वीर उपाध्याय ने उत्तरप्रदेश के लोक आयुक़्त जस्टिस एम के महरोत्रा के ख़िलाफ़ सख़्त तरीन तन्क़ीदी हमलों का आग़ाज़ करदिया है और उन्हें ओहदा से हटा देने की धमकी दी है।

उपाध्याय ने गुज़श्ता रात हाथरस में एक जल्सा-ए-आम से ख़िताब करते हुए कहा कि बी जे पी के क़ौमी जनरल सैक्रेटरी कर्त सुमय्या ने लोक आयुक्त में मेरे ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन तहक़ीक़ात के बावजूद कोई बदउनवानी का इन्किशाफ़ नहीं हुआ।

अगर लोक आयुक्त से मेरे कोई शख़्सी ताल्लुक़ात ना होते तो मैं सुप्रीम कोर्ट से रुजू होता और उन्हें इस ओहदा से हटाया जा सकता था। वज़ीर-ए-तवानाई के इस ब्यान पर शदीद रद्द-ए-अमल का इज़हार करते हुए लोक आयुक़्त जस्टिस महरोत्रा ने कहा कि ये ब्यान बी एस पी की ईमा पर महिज़ जलदबाज़ी और बेचैनी के सबब दिया गया है।

इलैक्शन कमीशन को चाहीए कि इस मसला का सख़्त नोट लिया जाए। उपाध्याय ने कहा कि मैंने लोक आयुक़्त से कहा था कि मैं इन से मुलाक़ात करना चाहता हूँ जिस पर उन्हों ने जवाब दिया था कि आप मेरे घर आएं क्योंकि मेरा ये रुतबा नहीं है कि आप को अपने दफ़्तर पर मदऊ कर सकूं।

उन्हों ने मज़ीद कहा कि मैंने उन से कहा था कि मैं आप के दफ़्तर नहीं आ सकता, अगर आप मुझे क़सूरवार तसव्वुर करते हैं या नहीं भी करते हैं तो कोई बात नहीं, इस के बावजूद में उन के घर गया था और कहा था कि वो क्या हैं और क्या कर सकते हैं, और में क्या हूँ और क्या करसकता हूँ।

वज़ीर-ए-तवानाई ने मज़ीद कहा कि मैं क़ानून का तालिब-ए-इल्म रहा हूँ और मैं क़ानून अच्छी तरह जानता हूँ।मैं इन से बेहतर , क़ानून समझ सकता हूँ। असैंबली इंतिख़ाबात से क़बल मायावती ने लोक आयुक़्त जस्टिस उन के महरोत्रा की सिफ़ारिश पर अपने कम से कम पाँच वुज़रा को बरतरफ़ करदिया है।

जस्टिस महरोत्रा ने कहा कि वज़ीर के इस ब्यान से महसूस होता है कि ये उलझन और बेचैनी के सबब दिया गया ब्यान है और ये कोई इन्फ़िरादी मुआमला नहीं है बल्कि बी एस पी की ईमा पर किया गया है।