उत्तर भारतीयों पर नहीं रुक रहे हमले, अब वडोदरा-सूरत से बिहार-UP के लोगों का पलायन जारी

गुजरात में उत्तर भारतीयों पर हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. भले ही राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने दावा किया हो कि अब कोई घटना नहीं हो रही है, लेकिन मंगलवार को ही सूरत और वडोदरा से हिंसा के मामले सामने आए.मंगलवार को वडोदरा में हिन्दी भाषी लोगों से भरी ट्रेन पर हमला कर दिया गया, ट्रेन की 6 बोगियों में जमकर तोड़फोड़ की गई.गुजरात में उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों में इन हमलों का खौफ इतना है कि वो राज्य से पलायन करने के लिए मजबूर हैं. वडोदरा मामले में कुल 25 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

मंगलवार को ही सूरत, अहमदाबाद समेत कई औद्योगिक क्षेत्रों से लोग छोड़कर जा रहे हैं. हालांकि, इस बीच पुलिस घटनाओं पर कार्रवाई भी कर रही है. पुलिस ने मंगलवार को 6 व्हीकल जब्त किए और एक व्यक्ति को हिरासत में लिया.

जो लोग गुजरात छोड़ कर वापस अपने गृह राज्य जा रहे हैं उनके पास अब कोई नौकरी नहीं है. वो जल्दी-जल्दी में बिना अपनी तनख्वाह लिए ही घर वापस जा रहे हैं. यूपी-बिहार के लोगों का गुजरात छोड़ कर जाना वहां के व्यवसाय के लिए भी चिंता का सबब बनता जा रहा है.अभी तक इन घटनाओं को लेकर पूरे राज्य में कुल 68 FIR दर्ज हो चुकी हैं, जबकि 500 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जैसे-जैसे गुजरात में ये मामले सामने आ रहे हैं, इन पर राजनीति भी तेज हो रही है. कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर ले रही हैं. तो वहीं बीजेपी ने अल्पेश ठाकोर के बहाने इन घटनाओं का जिम्मेदार कांग्रेस को ही बताया है.

दूसरी तरफ, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने मंगलवार को एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है कि अगर कोई भी उत्तर भारतीय पर हमला होता है तो वह उन्हें खबर करे. ये राज्य सभी के लिए है.

बता दें कि राज्य के साबरकांठा जिले में 28 सितंबर को 14 महीने की एक बच्ची के साथ बलात्कार हुआ था और इस आरोप में बिहार निवासी मजदूर को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद से ही, 6 जिलों में हिन्दी भाषी लोगों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं हुईं. इनमें से ज्यादातर जिले उत्तर गुजरात के हैं.