उद्धव का भाजपा पर निशाना

शिवसेना ने अपनी साथी पार्टी भाजपा पर हमला तीखी हमला करते हुए 25 साल पुराना इत्तेहाद तोडने वालों को महाराष्ट्र का दुश्मन करार दिया है। शिवसेना ने कहा कि हमारे दिगर (महायुति) साथी चाहते थे कि शिवसेना-भाजपा इत्तेहाद कायम रहे। इससे बडी बात यह भी थी कि महाराष्ट्र के 11 करोड लोग क्या चाहते हैं, जिन लोगों ने इनके जज़्बातों को मजरूह किया, वे महाराष्ट्र के दुश्मन हैं।

दोस्ती टूटने पर उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के अखबार सामना में लिखा है, यह (इत्तेहाद को तोडना) पूरे महाराष्ट्र तहरीक के 105 मराठी शहीदों की तौहीन है। शिवसेना चीफ ने लिखा है, पिछले 25 सालों में हिंदुत्व के नज़रिये से मजबूती से बंधी शिवसेना-भाजपा का इत्तेहाद बदकिस्मती से टूट गया। हमने इसके बने रहने के लिए आखिरी लम्हे तक ईमानदारी और महाराष्ट्र की जनता के मुफाद में पूरी कोशिश की।

लेकिन बदकिस्मती से ये बरकरार नहीं रह सकी। अब आगे क्या होगा वह देखा जाएगा। जो भी मां तुलजा भवानी की खाहिश होगी वही होगा। केवल एक खाहिश है कि इस पूरी सियासत में महाराष्ट्र के मुस्तकबिल का गणित न बिगडे। उद्धव ने लिखा कि अगर महाराष्ट्र की हार हुई तो तारीख माफ नहीं करेगा। आज हर सियासी पार्टी में गुट, जाति के कमांडर (सेनापति) का उरूज़ हो चुका है। ऐसे मुतअद्दद जनरल विधानसभा समर में उतरकर एक दूसरे पर तलवार चला रहे हैं। कल तक जो इस तंबू में आरती करते थे वे दूसरे लम्हे दूसरे तंबू में जाकर नमाज पढ रहे हैं। इससे यकीन हो जता है कि ख्याल, मखस या अल्फाज़ का कोई मोल नहीं रह गया है।

इदारिया में कहा गया है कि कांग्रेस और उसके लीडरों को ‍मुंबई और महाराष्ट्र की फिक्र नहीं करनी चाहिए, क्योंकि शिवसेना और उसका केसरिया परचम महाराष्ट्र की हिफाज़त करेगा। उद्धव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए लिखा है कि पितृ पक्ष खत्म हो चुका है लेकिन पितरों के सियासतबाज वारिस महज सीटों के बंटवारे का पिंडदान करने के लिए तैयार नहीं थे। आखिर में पितृपक्ष के कौवे उड ही गए।

इदारिया में आगे कहा गया है, जल्दी ही यह सच्चाई उजागर हो जाएगी कि जो (भाजपा) छोडकर गए वे पितृपक्ष के काग (कौवे) हैं, जो बने रहे वे मावले (छत्रपति शिवाजी के फौजियों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला लफ्ज़) हैं। शिवसेना-भाजपा की दोस्ती बनी रहे, ऐसा साथी पार्टियों और महाराष्ट्र की 11 करोड जनता को लगता था।

इन जज़्बातो को तोडने वालों को महाराष्ट्र का दुश्मन ही कहा जाएगा। शिवसेना के ज़राये ने बताया कि पार्टी सदर उद्धव ठाकरे इतवार को मुंबई में एक आवामी रैली में अपना ख्याल रखेंगे। उद्धव ने इत्तेहाद टूटने पर अब तक कोई सीधा रद्दे अमल ज़ाहिर नही कियाहै।