उपचुनाव में मिली हार बांटने की राजनीति करने वालों के लिए बड़ा सबक है- ज़फर सरेशवाला

चुनावी वर्ष में लगातार दो उपचुनावों में भाजपा को हार क्‍या मिली, पीएम मोदी को उनके अपने भी नसीहत देने लगे हैं। ऐसे लोगों में पीएम मोदी के करीबी जफर सरेशवाला का नाम भी आ गया है।

चार लोकसभा और 11 विधानसभा उपचुनावों में भाजपा को मिली हार के बाद सरेशवाला के बोल और तेवर दोनों बदल गए हैं। उन्‍होंने सीधे तौर पर पीएम पर उंगुली उठाते हुए बयान दिया है कि उपचुनाव परिणाम का परिणाम बांटने की राजनीति करने वालों के लिए बड़ा सबक है।

ऐसे लोगों को इस परिणाम से सीख लेने की जरूरत है। आपको बता दें कि कुल 14 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों से 2019 के पहले विपक्ष को बल मिला है।

इन 14 सीटों में भाजपा के खाते में केवल एक लोकसभा और एक विधानसभा सीट पर सफलता मिली है। जफर सरेशवाला गुजरात हैं और 2014 में पीएम बनने के बाद मोदी और शाह की जोड़ी ने मुस्लिम फेस के रूप में उन्‍हें आगे बढ़ाया था।

पीएम मोदी के करीबी जफर सरेशवाला ने बिहार में जोकीहाट सीट पर राजद की जीत पर तेजस्वी यादव को गर्मजोशी के साथ बधाई दी है। उन्‍होंने ट्वीट करते हुए कहा कि बाईपॉलबैटल एक सीख भी देता है। किसी भी राजनीतिक पार्टी या नेता को मर्सिया नहीं लिखना चाहिए।

इतना ही नहीं उन्‍होंने यूपी के कैराना लोकसभा उपचुनाव के नतीजे को विभाजनकारी राजनीति का परिणाम बताया। उनका कहना है कि विभाजनकारी राजनेताओं को जनता हमेशा से सबक सिखाती आई है।

अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि कैराना जैसे सांप्रदायिक तनाव वाले क्षेत्र से तबस्सुम हसन का बड़े अंतर से जीतना सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के सिद्धांत को नकारता है। इस जीत के लिए तबस्‍सुम को भी बधाई दी है।