जेद्दाह: सऊदी सरकार के हज और उमराह मंत्रालय ने पाकिस्तानी मीडिया और सोशल मीडिया में फैली उमराह फीस में कटौती की ख़बरों को ख़ारिज किया है। अफवाहों में कहा गया था कि सऊदी सरकार ने दुसरे और उससे अधिक उमराह पर लगने वाली फीस को वापस ले लिया है।
सऊदी अरब ने 1438 हिजरी की शुरुआत में वीसा फीस में नए संशोधन किये थे। इस संशोधन में सरकार ने घोषणा की थी कि पहली बार हज और उमराह करने आ रहे तीर्थयात्रिओं की फीस सऊदी सरकार भरेगी। इसमें यात्रियों से शुल्क नहीं लिया जायेगा लेकिन दूसरी या उससे अधिक हज या उमराह यात्रा पर 2000 सऊदी रियाल का शुल्क अदा करना पड़ेगा।
हज और उमराह मंत्रालय के उसामा खान ने अरब न्यूज़ से बातचीत में बताया कि मंत्रालय की ऐसी कोई घोषणा नहीं है जिसमें इस 2000 सऊदी रियाल के शुल्क को माफ़ किया गया हो। पाकिस्तानी मीडिया और सोशल मीडिया में फैल रही उमराह फीस में कटौती की ख़बरें बिलकुल गलत हैं।
पाकिस्तान की कंपनी ग्लोबल हज और उमराह सर्विस लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी ताहिर महमूद ने बताया कि उन्हें इस फीस को ख़तम किये जाने के बारे में सऊदी सरकार के हज और उमराह मंत्रालय से कोई सूचना प्राप्त नहीं हुयी है।
पाकिस्तानी मीडिया और सोशल मीडिया में प्रकाशित उमराह फीस के हटाने के बारे में पर ख़बरों के बारे पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ये खबरें किसी यकीन के काबिल स्रोत से नहीं थी और सिर्फ अफवाह थी।
हालाँकि पाकिस्तान की जनता ने सऊदी अरब और दोनों पवित्र मस्जिदों के अभिरक्षक किंग सलमान से यह फीस हटाने का अनुरोध किया है। जनता का कहना है कि इतनी महंगी फीस होने की वजह से लोग उमराह के लिए नहीं जा पायेंग।
पाकिस्तान उमराह एजेंट एसोसिएशन ने लोगों से उमराह फीस के बारे में कोई अफवाह न फैलाने की अपील की है।
जानकारी के मुताबिक पाकिस्तानी मीडिया में यह खबर थी की सऊदी सरकार के हज और उमराह मंत्रालय की लगायी गयी 2000 सऊदी रियाल उमराह फीस का मिस्र द्वारा बायकाट करने पर यह फीस वापस ले ली गयी है। हालाँकि बाद में पाकिस्तान उमराह एजेंट एसोसिएशन ने इस खबर को ख़ारिज कर दिया था और इसे अफवाह बताया था।