उमा भारती बोलीं- ‘कसाब को बिरयानी खिलाते थे लेकिन प्रज्ञा ठाकुर ने मांगा पानी तो मुंह में…’

मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री साध्वी उमा भारती ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उमा भारती ने कहा, ‘हम चुनाव आयोग को मानते हैं, क्योंकि हम मर्यादा पुरुषोत्तम राम के भक्त हैं इसलिए हम मर्यादा में ही रहते हैं. मैं नासिक में उनसे मिली तो इतना रोई कि मुझे साध्वी का चेहरा दिखना बंद हो गया था’.

प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बारे में बोलते हुए उमा ने कहा, ‘एक अधिकारी ने मुझे जानकारी ने दी कि पूछताछ के दौरान साध्वी पर तरह-तरह के अत्याचार किए गए. अफसरों ने उनसे कहा कि तुम कुछ बड़े नेताओं के नाम ले लो तो तुम्हें छोड़ देंगे. आतंकवादियों ने हमेशा अपने संगठनों का नाम रखा. यहां की तत्कालीन सरकार ने साजिश की यहां भी एक हिंदू आतंकवादी संगठन घोषित किया जाए.’

प्रज्ञा ठाकुर पर दिया बयान
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस के नेताओं को तो शर्म आनी चाहिए, जिन्होंने धर्म के नाम पर देश का बंटवारा किया. गांधी जी के सामने देश का बंटवारा किया गया. उमा भारती ने कहा, ‘कसाब को पसंद की बिरयानी दी गई, लेकिन जब साध्वी प्रज्ञा ने पानी मांगा तो उनके मुंह में क्या डाला गया ये मैं बता भी नहीं सकती.’

बंटवारे के वक्त भारत में रहने वाले मुसलमान कांग्रेस नेताओं के भरोसे नहीं था, वो हम जैसे नेताओं के भरोसे थे. धर्मनिरपेक्षता पर भाषण देने वालों को उमा भारती ने पाकिस्तान जाने की नसीहत दे डाली. उमा ने कहा कि हिंदू कभी उग्र नहीं हो सकता, लेकिन उग्र राष्ट्रवाद के बिना काम नहीं चल सकता.

कमलनाथ पर दिया बयान
अमेरिका में नाम के आगे खान लिखा हो तो शक की निगाह से देखते हैं. हमारे यहां नाम में खान लगा हो तो हम उसे चाचा कहते हैं. मुगल चले गए तो अंग्रेज आ गए, अंग्रेज चले गए तो जाते जाते कांग्रेस अपनी जूठन कई तरह छोड़ गए. कमलनाथ सरकार पर बोलते हुए उमा ने कहा कि हमारी सरकार पर गलत नजर नहीं है, लेकिन सरकार की कुंडली में लिखा है कि इसकी अकाल मृत्यु होगी.

चुनाव लड़ सकती हैं उमा भारती
उमा भारती ने सीएम पद की कुर्सी छोड़ने के सवाल पर जवाब देते हुए कहा, ‘मुझसे सीएम की कुर्सी छोड़ने के लिए किसी ने नहीं कहा. मैंने तिरंगे के सम्मान में कुर्सी छोड़ी थी. गांधी-नेहरू परिवार में नेहरू असली है, गांधी नकली हैं. 75 का कटऑफ मान भी लो तो भी मैं 24 का चुनाव लडूंगी, 29 का चुनाव लडूंगी, फिर 34 का भी चुनाव लडूंगी, अभी डेढ़ साल गंगा की यात्रा करूंगी.’

सीताराम येचुरी पर भड़कीं उमा
सीताराम येचुरी पर बोलते हुए उमा ने कहा, ‘वह स्वयं हिंदू हैं वह स्वयं बताएं कि वह हिंसक हैं कि नहीं. हिंसा जो शब्द है, वह सेनाओं के लिए हैं रक्षकों के लिए है. भारतीय समाज में हिंसकों के लिए कोई शब्द नहीं है. महात्मा गांधी स्वयं हिन्दू थे, विवेकानंद स्वयं हिंदू थे. क्यों हिंसक कह रहे हैं वो स्वयं हिन्दू हैं. समस्या यह है उनकी संख्या कम है लेकिन उनका जहर कम नहीं हुआ है. जैसे करैत सांप होता है, उनकी संख्या जरूर कम होती है लेकिन ज़हरीला होता है.