उम्मते मुस्लिमा में इत्तिहाद वक़्त का तक़ाज़ा यहूदीयों को सफ़ा हस्ती से मिटाने पर ज़ोर

तहरान,28 जनवरी: (एजैंसीज़) सदर ईरान महमूद अहमदी नज़ाद ने मुस्लिम अक़्वाम पर ज़ोर दिया कि वो बाहमी इत्तिहाद को फ़रोग़ देने के मक़सद से ख़ुसूसी मुहिम चलाएं। यहूदियों को सफ़ा हस्ती से मिटाने के लिए मुसलमानों में इत्तिहाद ज़रूरी है। तहरान में 26 वीं इंटरनैशनल इस्लामी यूनिटी कान्फ़्रैंस से ख़िताब करते हुए सदर अहमदी नज़ाद ने कहा कि ऐसे हालात में जब यहूदी-ओ-सीहोनी ताक़तें ग़ैर इंसानी कार्यवाहीयां अंजाम दे रही हैं नाजायज़ क़बज़े करते हुए मज़लूम अवाम को हलाक कररहे हैं इन क़ातिलों को कैफ़र-ए-किर्दार तक पहूँचाने के लिए मुस्लिम मुल्कों का आपसी इत्तिहाद ज़रूरी है।

उन्होंने मज़ीद कहा कि शैतानी ताक़तों और नाजायज़ इख़्तियारात रखने वालों के ख़िलाफ़ मिलजुलकर जद्द-ओ-जहद करना चाहिये। उन्होंने कहा कि बनी नौ इंसानी के लिए इंसाफ़ और मुहब्बत-ओ-भाई चारा के मक़सद से ही मुस्लिम अक़्वाम में इत्तिहाद को फ़रोग़ दिया जाये। इस के बहुत जल्द मुसब्बित नताइज बरामद होंगे।

ईरान के चीफ़ ऐगज़ीक्यूटिव ने मुसलमानों में हालिया ख़राबियों की जानिब तवज्जा दिलाई और कहा कि क़ुरआन मजीद और हुज़ूरे अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की तालीमात से दूरी से ही मुसलमानों में इख़तिलाफ़ात उभर रहे हैं। उन्होंने आलमी सतह पर पाए जाने वाले मआशी अदम तवाज़ुन पर भी तन्क़ीद की और कहा कि आलमी मआशी निज़ाम सिर्फ़ चंद ताक़तवर मुमालिक का असासा बनता जा रहा है।

इस से ग़रीब मुमालिक ख़ासकर मुस्लिम मुमालिक मआशी अदम इस्तिहकाम का शिकार होरहे हैं। 26 वीं इंटरनैशनल इस्लामिक यूनिटी कान्फ़्रैंस में 102 मुमालिक से आने वाले शीया और सुन्नी मुफ़क्किरीन इस्लाम ने शिरकत की। इस दो रोज़ा कान्फ़्रैंस के दौरान आलिम इस्लाम के मसाइल और उम्मते मुस्लिमा के हालात पर ग़ौरो फिक्र की गैई। कान्फ़्रैंस में शाम के बिशमोल मुस्लिम मुमालिक के नुमाइंदों ने ज़ोर दे कर कहा कि सीहोनी ताक़तें मुसलमानों में फूट डालने और इख़तिलाफ़ात पैदा करने की कोशिश कररही हैं।