नई दिल्ली: शाही इमाम मस्जिद फ़तहपुरी दिल्ली मौलाना डाँक्टर मुफ़्ती मुहम्मद मुकर्रम अहमद ने आज नमाज़-ए-जुमा से क़बल ख़िताब में कहा कि उम्मत के मसाइल को हल करने के लिए सलाह-ओ-मश्वरा नीज़ हुस्न-ए-तद्बीर की ज़रूरत है। पैग़ंबर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को किसी से मश्वरे की ज़रूरत नहीं थी फिर भी आप बाज़-औक़ात सहाबा से मश्वरा फ़रमाकर इसे क़बूल भी फ़रमाया करते थे।
क़ुरआन-ए-करीम में भी मुशावरत का हुक्म है। आज उम्मत को इत्तेहाद की अशद ज़रूरत है। शाही इमाम ने बताया कि दो रोज़ क़बल मीडिया के ज़रिये मालूम हुआ कि एक तरफ़ बीजेपी के मुस्लिम ओहदेदारान के साथ वज़ीर-ए-आज़म और पार्टी सदर ने मुस्लिम इशूज़ पर तबादला-ए-ख़्याल किया और दूसरी तरफ़ वज़ीर-ए-दाख़िला ने कुछ मुस्लिम लोगों से मुस्लिम इशूज़ पर मुसबत कार्रवाई दिखाई होगी तब ही बातचीत का फ़ायदा है हमें उम्मीद है कि हकूमत-ए-हिन्द ज़रूर मुसबत जवाब देगी।
शाही इमाम ने एनआईए की तरफ़ से हिंदू दहशतगरदों के लीडर कर्नल पुरोहित और साध्वी परगिया के ऊपर से मुख़ोटा हटाए जाने की वकालत करने पर शदीद एतराज़ किया और कहा कि दहशतगर्दी का कोई मज़हब नहीं होता और अगर दहशतगर्दी से मुक़ाबला करना है तो उन सरगुनों को हरगिज़ ना छोड़ा जाये वर्ना उसका पैग़ाम अंदरून-ए-मलिक और बैरून-ए-मुल्क बहुत बुरा असर होगा।
शाही इमाम ने इस हफ़्ते में मुतअद्दिद मुस्लिम नौजवानों को अदालत से दहशतगर्दी के इल्ज़ाम से बरी किए जाने पर मसर्रत का इज़हार किया और असल क़सूरवार गुनह-गारों को गिरफ़्तार करने की अपील की। शाही इमाम डाँक्टर मुफ़्ती मुहम्मद मुकर्रम ने दिल्ली हुकूमत की तरफ़ से अवामी मसाइल को नज़रअंदाज किए जाने की शदीद मज़म्मत की और कहा कि इस हुकूमत ने स्कूलों और बिलख़ुसूस उर्दू असातिज़ा की तक़र्रीयों को नजरअंदाज़ कर दिया है।
पीजीटी, टीजीटी और उर्दू गेस्ट टीचर्स और कंट्रेक्ट उर्दू टीचरों की तक़र्रुरी और उनकी तनख़्वाहों का मसला जल्द हल किया जाना चाहिए। शाही इमाम ने हस्पतालों में हड़ताल और मरीज़ों की शदीद परेशानियों पर भी तशवीश का इज़हार किया। शाही इमाम ने एमसीडी कारकुनान की हड़ताल और हर तरफ़ कूड़ा गंदगी के ढेरों पर भी तशवीश का इज़हार किया और कहा कि दिल्ली हुकूमत को सभी मसाइल को जल्द हल करना चाहिए।
एक साल में मसाइल ख़त्म होने के बजाय और ज़्यादा हो गए हैं ये अफ़सोस की बात है। शाही इमाम ने रमला के हालिया मुहासिरा और चैकिंग पर इसराइली सीहोनी हुकूमत की मज़म्मत की। फ़लस्तीनी अवाम अपने ही मुल्क में क़ैदीयों की ही ज़िंदगी गुज़ारने पर मजबूर हैं और इसराइली इंतेज़ामिया उन पर तरह तरह से ज़ुल्म कर रही है। ये जल्द बंद होना चाहिए। यू एन ओ से हमारी अपील है कि इस ज़ुलम को बंद कराए और मुस्लिम ममालिक को भी मुत्तहिद हो कर इस तरफ़ तवज्जे करनी चाहिए