उर्जित पटेल का संसदीय समिति के सामने आधे-अधूरे जवाब

नई दिल्ली: भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल आज वित्त मामलों पर संसद की स्थाई समिति के सामने पेश हुए. उन्होंने कमिटी को बताया कि नोटबंदी के बाद से अब तक 9.20 लाख करोड़ रुपए मूल्य के नोट बाज़ार में आ गए हैं.

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बीबीसी के अनुसार, इस पेशी के दौरान गवर्नर पटेल को कड़े सवालों का भी सामना करना पड़ा. उर्जित पटेल ने समिति को बताया कि नोटबंदी के मामले में सरकार और आरबीआई के बीच बातचीत एक साल पहले ही शुरू हो गई थी.
कमिटी ने ये जानना चाहा कि 500 और 1000 के नोट वापस लेने का फैसला किसका था?, कमिटी ने यह भी जानना चाहा कि नोटबंदी के दौरान कितने पैसे बैंकों में जमा हुए? अब तक रिज़र्व बैंक ने नए नोटों में कितना पैसा सिस्टम में डाला है? और आरबीआई की स्वायत्ता को लेकर भी कमिटी ने सवाल पूछे.
पेशी के दौरान उर्जित पटेल इस सवाल का जवाब नहीं दे पाए कि 500 रुपए और 1,000 रुपए के कितने नोट रिज़र्व बैंक में ज़मा हुए हैं. उनहोंने कहा कि नोटबंदी के मुद्दे पर सरकार और रिज़र्व बैंक के बीच बातचीत बीते साल बहुत पहले शुरू हो गई थी. नोटबंदी के मक़सद पर केंद्रीय बैंक सरकार से सहमत था.
कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने उर्जित पटेल से कहा कि वे सवालों का बिल्कुल सटीक जवाब दें. दिग्विजय सिंह कड़ा रवैया अपनाना चाहते थे, पर मनमोहन सिंह ने यह कह कर रोक दिया कि रिज़र्व बैंक का सम्मान किया जाना चाहिए.
बातचीत अधूरी ही रही. समिति बजट सत्र के दौरान संसद नहीं चलने के समय उन्हें फिर बुलाएगी.
उल्लेखनीय है कि उर्जित पटेल कई बातों का जवाब नहीं सके, कुछ सवालों के अधूरे जवाब दिए.