उर्दू अखबरात सिर्फ मुसलमान पढ़ते हैं गैर मुस्लिम नहीं क्योंकि ये सिर्फ मुसलमानों के मुफाद की बात करते हैं। हमें तो हिन्दू, क्रिश्चन और आदिवासी वोट से जीतना अहि फिर उर्दू अखबारात को इंतिखबी इश्तिहार देने से क्या फाइदा? इचागढ़ एसेम्बली हल्का से जेएमएम उम्मीदवार सविता देवी के पीए और इंतिखाबी इंचार्ज कालु और मोहीन दुबे ने अखबार ए मशरिक़, रोज़नामा राष्ट्रिए सहारा और फारुकी तंजीम के नुमाइंदों से मजकुरह बातें कहीं। जब उन लोगों ने इंतिखाबी इश्तिहार के लिए जेएमएम ऊमीद्वार के ऑफिस से राबता किया।
डॉक्टर अफसर काजमी मोमिन कोन्फ्रेंस के रहनुमा प्रोफेसर जावेद अख्तर अंसारी, मौलाना सैयद फैज अहमद और जमीयत ओलमा के जेनरल सेक्रेटरी कालु और मोहीन दुबे के उर्दू बेदारी और उर्दू दुश्मनी बयान पर सख्त बरहमी का इज़हार करते हुये कहा है की इंतिख़ाब से कबल जब जेएमएम उम्मीदवार के खास इस तरह के दिल आज़ार ब्यान दे रहे हैं तो एसेम्बली इंतिख़ाब जीतने के बाद सविता देवी का रवैया क्या होगा। उर्दू और मुस्लिम अक़लियत के साथ आसानी से अंदाज़ा लगाया जा सकता है। मजकुरा रहनुमा ने मेजबार उर्दू से दरख्वास्त की है वो उर्दू दुश्मनी का मुह तोड़ जवाब दें।