हैदराबाद 24 नवंबर:उर्दू ज़बान एक ज़िंदा ज़बान है इस का माज़ी जिस तरह रोशन रहा इसी तरह मुस्तक़बिल भी रोशन होगा। नई नसल को उर्दू ज़बान से वाक़िफ़ करवाना और अपनी मादरी ज़बान की तारीख़ को पेश करते हुए उस की याद ताज़ा करना उर्दू ज़बान की तरक़्क़ी का ज़ामिन होगा।
इन ख़्यालात का इज़हार ज़ाहिद अली ख़ान एडीटर सियासत ने यहां उर्दू बुला रही हैके तहत उर्दू एक्सपो का महबूब हुसैन जिगर हाल में इफ़्तेताह करते हुए किया और कहा कि स्कूली तलबा शीरीं ज़बान उर्दू की तारीख़ और तमसीली मलबूसात और उन शारा-ए-के मुताल्लिक़ जिस अंदाज़ से बयान क्या वो काबिले सताइश है
उर्दू ज़बान अपने दम-ख़म पर ज़िंदा रहने की सलाहीयत रखती है। उर्दू ज़बान पर अपनी नौईयत की इस अनोखी नुमाइश उर्दू है जिसका नाम का एहतेमाम सेंट्रल पब्लिक हाई स्कूल खिलवत ने इदारा सियासत के बाहमी इश्तिराक से किया और उर्दू एक्सपो की इस इफ़्तेताही तक़रीब के मेहमानाने ख़ुसूसी प्रोफेसर एस ए शकूर डायरेक्टर / सेक्रेटरी उर्दू एकेडेमी तेलंगाना ने कहा कि उर्दू में अपनी नौईयत की ये पहली नुमाइश है जिसको मिसाली क़रार दिया।
उन्होंने कहा इस ज़बान के अलफ़ाज़ जो हिन्दी और दूसरी ज़बानों में इस्तेमाल होते हैं उर्दू के माहिरीन से ग़ैर उर्दू दां पूछते हैं। मुईद जाविद सदर शोबा उर्दू उस्मानिया यूनीवर्सिटी ने कहा कि उर्दू ज़बान में यूं तो कई प्रोग्राम्स होते हैं, मुशायरे, सेमिनार्स होते हैं लेकिन इस तर्ज़ का प्रोग्राम पहली बार हुआ। उन्होंने इंतेज़ामीया सेंट्रल पब्लिक स्कूल उस के सेक्रेटरी ज़फ़र उल्लाह फ़हीम और हमीदा बेगम को मुबारकबाद दी। इस मौके पर तमाम मेहमानान को सेंट्रल पब्लिक हाई स्कूल की तरफ से मोमनटोज़ ज़ाहिद अली ख़ान एडीटर सियासत के हाथों अता किए गए।
इस एक्सपो में 56 स्कूली तलबा , तालिबात ने हिस्सा लिया । मिर्ज़ा ग़ालिब , इक़बाल, मीर, अमीर अहमद खुसरो , क़ुली क़ुतुब शाह , अमजद हैदराबादी , मौलाना अबुल-कलाम आज़ाद , मख़दूम मुही उद्दीन और दुसरे के रूप में तलबा ख़ूबसूरत अंदाज़ में पेश हुए।इस उर्दू एक्सपो को देखने के बाद ही अंदाज़ा होगा कि किस तरह उर्दू को पेश किया गया।
उर्दू के माहिरीन ने अपने तास्सुरात किताब अलराए में कलमबंद करते हुए इज़हार किया कि ऐसी नुमाइश उर्दू ज़बान में आज तक नहीं हुई , जिसकी मिसाल नहीं।