उर्दू आज भी ज़िंदा और बढ़ रही है: गुलज़ार

नई दिल्ली: दुनिया भर में अपनी कविताओं और लिखी गई गीत-ग़ज़लों के लिए मश्हूर गुलज़ार साहब ने आज एक प्रोग्राम के दौरान बातचीत करते हुए कहा कि: ” लोगों में इस बात को लेकर वहम है कि उर्दू जुबां मर रही है और मिटती जा रही है, लेकिन सच तो यह है कि वक़्त के साथ आगे बढ़ते हुए उर्दू आज भी ज़िंदा है और लोगों में फ़ैल रही है। “

गुलज़ार ने यह बातें यहां दिल्ली में हो रहे एक फेस्टिवल जश्न-ए-रेख्ता में बात करते हुए कही। गुलज़ार ने यह भी कहा कि दुनिया भर में लोग उर्दू बोलना, सीखना और सुनना पसंद करते हैं। अगर उर्दू को आगे बढ़ाने में कहीं साथ जोड़ने की जरुरत है तो वह फिल्मों की स्क्रिप्टों में हैं।

गुलजार जो फिल्मकार बिमल रॉय को अपना गुरु मानते हैं ने अपना करियर बिमल रॉय की ही एक फिल्म ‘बंदिनी’ के जरिये की थी।