उर्दू, बांग्ला और फ़ानून लतीफा की टीइटी-एसटीइटी में खाली ओहदे से कम उम्मीदवार पास हुए हैं। इसलिए खाली ओहदों को भरने के लिए दोबारा इम्तिहान ली जायेगी। बिहार बोर्ड से सलाह मशविरा के बाद इंटर की इम्तेहान का रिजल्ट शाए होने के बाद यह इम्तेहान दोबारा होगी। जुमेरात को तालीम वज़ीर पीके शाही ने बिहार बोर्ड एडोटोरियम में टीइटी-एसटीइटी उर्दू, बांग्ला और फ़्नुन लतीफा का रिजल्ट जारी करते हुए ये बातें कहीं।
सहाफ़ियों के सवालों के जवाब में वज़ीर ने कहा कि खाली ओहदे से कम रिजल्ट भले ही हुआ हो, लेकिन पहले की टीइटी के मुक़ाबले में उर्दू, बांग्ला का रिजल्ट बेहतर है। ओहदों को भरने के लिए क्वालिटी से समझौता नहीं किया जायेगा। इसलिए दोबारा इम्तेहान जरूरी है। रिजल्ट शाए के बाद तकर्रुरी को लेकर जल्द ही बैठक कर इस रिजल्ट के मुताबिक एक शिड्यूल निकाला जायेगा और तकर्रुरी अमल शुरू होगी।
मनमानी का स्कोप नहीं
साबिक़ में हुई टीइटी में अब तक तकर्रुरी नहीं होने के सिलसिले में उन्होंने कहा कि ताखीर की वजह है इसमें किसी की मनमानी का स्कोप नहीं है। अमल कब पूरी होगी यह कहा नहीं जा सकता, क्योंकि यह हमेशा चलनेवाली अमल है। हर उम्मीदवार को अपनी मनपसंद जगह से दरख्वास्त करने का हक़ दिया गया था। इसी अमल के तहत दुबारा मौका देने पर उम्मीदवारों ने कई जगहों से दरख्वास्त कर दिया है। तकर्रुरी में देरी इसी वजह से हो रही है। इसके लिए दस्तूरुल अमल में तरमीम कर जल्द तकर्रुरी की कोशिश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह अमल साबित है। ऐबदार तब होती, जब एक जगह से ही दरख्वासत करने के लिए उम्मीदवार को मजबूर किया जाता। यही वजह है कि इस बार शिकायतें भी कम हैं।
कारकरदगी इम्तेहान में सिर्फ दो मौके
तालीम महकमा के प्रिन्सिपल सेक्रेटरी अमरजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि करकरदगी इम्तेहान में एक टीचर को सिर्फ दो मौके मिलेंगे और उसके बाद भी अगर वे पास नहीं होंगे, तो उन्हें मुलाज़िमत से निकाल दिया जायेगा। टीइटी उम्मीदवारों की बहाली के सिलसिले में उन्होंने कहा कि दस्तूरुल अमल में तरमीम के बाद जिलों में कैंप लगा कर सख्ती से मेयार और मेधा फेहरिस्त की बुनियाद पर तकर्रुरी करायी जायेगी। असातिज़ा का मुनतकली मंसूबा बंदी यूनित की बुनियाद पर तकर्रुरी की जा सकती है। रिजल्ट शाए के दौरान बिहार बोर्ड के सदर राजमणि प्रसाद, सेक्रेटरी आशुतोष कुमार, नायब सेक्रेटरी राजीव शंकर समेत कई अफसर मौजूद थे।