शिकागो 26 मई: उर्दू इंस्टीटियूट के ज़ेरे एहतेमाम शिकागो में उर्दू सहाफ़त आज और कल के ज़ेरे उनवान सेमीनार मुनाक़िद हुआ। ज़ाहिद अली ख़ां एडिटर रोज़नामा सियासत ने कलीदी ख़िताब करते हुए कहा कि असरी टेक्नालोजी से बेहतर इस्तेफ़ादा की वजह से आज उर्दू दुनिया की मक़बूल तरीन ज़बान है।
उन्होंने बताया कि इंटरनेट के सबब ये पता चला कि दुनिया के 170 ममालिक में तक़रीबन 3400 एसे शहर हैं जहां कोई ना कोई उर्दू से वाक़िफ़ शख़्स मौजूद है। उन्होंने प्रिंट मीडिया की तरक़्क़ी और जदीद टेक्नालोजी से इस्तेफ़ादे का भी तज़किरा किया। ज़ाहिद अली ख़ां ने कहा कि उर्दू के तहफ़्फ़ुज़ और तरक़्क़ी में हम सबको बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना चाहीए। कौंसिल जनरल डॉ औसाफ़ सईद ने सेमीनार की सदारत की और अपने ख़िताब में उन्होंने उर्दू सहाफ़त की तारीख़ बयान की और कहा कि बंगला प्रेस के बाद उर्दू प्रेस बर्र-ए-सग़ीर का क़दीम तरीन सहाफ़ती इदारा है। उन्होंने बताया कि तक़सीम के वक़्त उर्दू के सिर्फ 415 अख़बारात-ओ-रसाइल थे जबकि रजिस्ट्रार इंडियन न्यूज़ पेपर सोसाइटी के 2015 आदाद-ओ-शुमार के मुताबिक़ आज उर्दू के 4770 अख़बारात-ओ-रसाइल हैं। औसाफ़ सईद ने बताया कि उर्दू की मक़बूलियत का अंदाज़ा इस हक़ीक़त से लगाया जा सकता है कि मुल्क के पहले वज़ीर-ए-आज़म पण्डित जवाहर लाल नेहरू की शादी का दावतनामा उर्दू में था।
सेमीनार में ज़ाहिद अली ख़ां, औसाफ़ सईद और मीर मुहतशिम अली को यादगार एवार्डज़ दिए गए। सेमीनार का आग़ाज़ साजिद चौधरी की हमद से हुआ। अमीन हैदर ने इफ़्तेताही ख़िताब में उर्दू इंस्टीटियूट की कारकर्दगी का तज़किरा किया।
डॉ सैफ ने मेहमानों, मीडिया, मंदूबीन और खास्कर इफ़्तिख़ार शरीफ़ का शुक्रिया अदा किया। इस सेमीनार से इफ़्तिख़ार शरीफ़ ने ख़िताब करते हुए उर्दू ज़बान-ओ-सक़ाफ़्त मर्कज़ के क़ियाम के लिए भरपूर तआवुन का यकीन दिया। पाकिस्तान न्यूज़ के जावेद राना और शिकागो के क़दीम तरीन उर्दू अख़बार उर्दू टाईम्स के तारिक़ ख़्वाजा ने भी ख़िताब किया। सेमीनार के आख़िर में डॉ सादिक़ नक़वी की ज़ेरे सदारत शेअरी नशिस्त का एहतेमाम किया गया था। इफ़्तिख़ार शरीफ़ ने हैदराबादी तहज़ीब पर नज़म पेश की।