गवर्नर ई एस एल नरसिम्हन जो अपनी ख़ामोश मिज़ाजी के लिए शौहरत रखते हैं ,उर्दू की शेरनी और कशिश पर अपने जज़बात का इज़हार किए बगै़र नहीं रह सके।
शिलपाकल्ला वेद यक्का में अपनी शरीक-ए-हयात वीमला नरसिम्हन के साथ 9 वीं क़ादर अली बैग थियटर फ़ाउंडेशन का इफ़्तेताह करने के बाद गवर्नर नरसिम्हन ने उर्दू ज़बान और थियटर पर इज़हार-ए-ख़्याल के दौरान रस्मी ख़िताब से हट कर कहा कि मुझे उर्दू नहीं आती लेकिन में ये शीरीं ज़बान समझ ज़रूर सकता हूँ।
ये एक पुरकशिश ज़बान है। बिलख़सूस उर्दू की शायरी दिल में उतर जाती है गवर्नर नरसिम्हन ने प्रोग्राम के इखतेताम से पहले अपने दौर की मक़बूल-ओ-मारूफ़ फ़िल्म हम दोनों में अफ़सानवी गुलूकार मुहम्मद रफ़ी की आवाज़ में देव आनंद पर फ़िल्माए गए इस नग़मा के बोल अभी ना जाओ छोड़कर कि दिल अभी भरा नहीं दुहराते हुए सामईन को महज़ूज़ किया। वाज़िह रहे के गवर्नर नरसिम्हन जो मर्कज़ी जासूस इदारा इंटेलिजेंस ब्यूरो ( आई बी ) के साबिक़ सरबराह भी हैं। बिलउमूम ख़ामोशी को तर्जीह देने और ठोस अमली इक़दामात करने के लिए शौहरत रखते हैं।