मिल्लत-ए-इस्लामीया वेलफेयर सोसाइटी सिद्दिपेट के ज़ेरे एहतेमाम यौम मौलाना अब्बू उल-कलाम आज़ाद और सहाफ़ती-ओ-तदरीसी एतेराफ़ात ख़िदमात-ओ-तक़सीम कुतुब गर्वनमेंट गर्लज़ जूनियर कॉलेज सिद्दिपेट ज़ेर निगरानी एज़ाज़ी सदर मिल्लत-ए-इस्लामीया वेलफेयर सोसाइटी एम ए लतीफ़ जलसे का इनइक़ाद अमल में आया।
मेहमान ख़ुसूसी की हैसियत से रियासती वज़ीर भारी आबपाशी टी हरीश राव, रुकने पार्लियामेंट मेदक कोता प्रभाकर रेड्डी, एम एलसी फ़ारूक़ हुसैन, चेरमैन मेदक इंजीनीयरिंग कॉलेज सय्यद ख़ुरशीद अहमद और सय्यद इबराहीम सलीम ने शिरकत की।
जलसे की सदारत मुहम्मद अबद उल-क़ादिर सदर सोसाइटी ने की, जबकि मेहमानों का इस्तिक़बाल इंटरमीडीएट की तालिबात ने किया। जलसे का आग़ाज़ अनीस कनीज़ इंटरमीडीएट तालिबा की करात कलाम पाक से हुआ।
क़ब्लअज़ीं पाकिस्तान में तलबा के साथ जो सानिहा पेश आया, इस सिलसिले में दो मिनट की ख़ामोशी मनाई गई। इस मौके पर वज़ीर भारी आबपाशी ने ख़िताब करते हुए कहा कि इस किस्म के प्रोग्राम्स के इनइक़ाद से तालिबात की हिम्मतअफ़्ज़ाई होती है और उन के हौसले बुलंद होते हैं।
उन्होंने कहा कि गर्लज़ जूनियर कॉलेज के अहाता में तलबा को पानी और दुसरे सहूलयात बहम पहुंचाई जाएंगी। उन्होंने कॉलेज-ओ-हाई स्कूल में (उर्दू मीडियम) की मख़लवा जायदादों को पुर करने का तीक़न दिया।
उन्होंने मुस्लिम अक़लियत की फ़लाह-ओ-बहबूद, तालीमी-ओ-मआशी तरक़्क़ी और बेरोज़गारी दूर करने के लिए वज़ीर-ए-आला के चन्द्रशेखर राव हमेशा कोशां रहते हैं। उन्होंने हुकूमत की तरफ से अक़लियतों के लिए मुतआरिफ़ कराई गई स्कीमात से इस्तेफ़ादे का मश्वरह दिया।