उर्दू मीडियम सरकारी स्कूल से शिक्षित डॉक्टर नियाज़ अहमद का ‘शान्ति स्वरूप भटनागर’ अवार्ड के लिए चयन

हैदराबाद। जब किसी में क्षमता और योग्यता होती है तो वह चाहे किसी तरह के माहौल में भी रहा हो, उस व्यक्ति की सफलता की महक फ़िज़ाओं में अपने आप महकने लगती है। एक मामूली उर्दू मीडियम सरकारी स्कूल में शिक्षा प्राप्त करने वाले डॉक्टर नियाज़ इस का एक शानदार उदाहरण हैं।

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डॉक्टर नियाज़ अहमद को शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार के लिए चुना गया है। नई दिल्ली में आयोजित होने वाले समारोह में उसे प्रधानमंत्री पुरस्कार देंगे।
हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के इस वैज्ञानिक को केंद्र सरकार की ओर से दिए जाने वाले प्रतिष्ठित शान्ति स्वरूप भटनागर अवार्ड विज्ञान और प्रौद्योगिकी 2016 के लिए चुना गया है। डॉक्टर नियाज़ अहमद विश्वविद्यालय हैदराबाद स्कूल ऑफ लाइफ साइंस के तहत जैव प्रौद्योगिकी विभाग और जैव सूचना विज्ञान के प्रमुख हैं। उन्हें केंद्र सरकार की ओर से राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना गया है। काउंसिल फॉर साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर नई दिल्ली में इस पुरस्कार की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार नई दिल्ली में आयोजित होने वाले एक बा सम्मान समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों दिया जाएगा।
डॉक्टर नियाज़ अहमद पूर्व में भारत सरकार की ओर से राष्ट्रीय जैव विज्ञान पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। विश्वविद्यालय हैदराबाद में कई रिसर्च स्कॉलरज़ उनके अंडर रिसर्च एंड डेवलपमेंट का काम कर रहे हैं। डॉक्टर नियाज़ अहमद टीबी और दस्त जैसी कई बीमारियों में जबरदस्त रिसर्च कर चुके हैं। गौरतलब है कि डॉ नियाज़ अहमद की प्रारंभिक शिक्षा महाराष्ट्र के अकोला के उर्दू मीडियम सरकारी स्कूल से हुई है।