हैदराबाद ( सियासत न्यूज़ ) आंधरा प्रदेश रियास्ती उर्दू एकेड्मी में उर्दू की तरक़्क़ी-ओ-तरवीज के इलावा अदबी सरगर्मियों का आज बाज़ाब्ता एहया होचुका है । गुज़शता 3 बरसों से उर्दू एकेड्मी ने उर्दू मुसव्वदात पर इम्दाद की स्कीम पर अमल आवरी नहीं की थी जिस पर नए डायरेक्टर सेक्रेटरी उर्दू एकेड्मी प्रोफेसर एस ए शकूर ने आज अहकाम जारी करते हुए इस के एहया का एलान किया ।
प्रोफेसर एस ए शकूर ने बताया कि उर्दू एकेड्मी उर्दू कुतुब की इशाअत के लिए जुज्वी इम्दाद फ़राहम करती है जिस में 10 ता 12 हज़ार रुपया की रक़म मुसन्निफ़ीन को दी जाती है । इस स्कीम का एहया करके मुसव्वदात दाख़िल करने की अपील करते हुए उन्हों ने बताया कि उर्दू एकेड्मी की इल्मी अदबी सरगर्मियों को बहाल करने के लिए स्कीमात पर मूअस्सिर अमल आवरी ज़रूरी है ।
उन्हों ने साबिक़ मैं मूसव्वदों के लिए फ़राहम की गई इम्दाद की तफ्सीलात से वाक़िफ़ करवाते हुए कहा कि साल 2008-09 के दरमियान उर्दू एड्डेमी ने पहले मरहले में 175 मूसव्वदों को मंज़ूरी देते हुए 8 लाख 75 हज़ार रुपया जारी किए थे और दूसरे मरहला मैं 130 मुसव्वदात के लिए 7 लाख 48 हज़ार रुपया जारी किए थे । और दूसरे मरहला मैं 130 मुसव्वदात के लिए 7 लाख 48 हज़ार रुपया रक़म जारी की गई । इस तरह माली साल 2008-09 के दरमियान 16 लाख 23 हज़ार रुपया उर्दू कुतुब की इशाअत के लिए जारी किए गए ।
प्रोफेसर एस ए शकूर ने बताया कि गुज़शता 3 बरसों से स्कीम मफ्लूज होने के सबब अब 500 से ज़ाइद दरख़्वास्तें मौसूल होने का इम्कान है । उन्हों ने बताया कि मूसव्वदों को इम्दाद के लिए मुंतख़ब करने एक माहिरीन तालीम की 5 ता 7 रुक्नी कमेटी तशकील दी जाएगी ।जिसे मूसव्वदों को इम्दाद के लिए मुंतख़ब करने का इख्तेयार हासिल रहेगा ।
प्रोफेसर एस ए शकूर ने बताया कि आंधरा प्रदेश रियास्ती उर्दू एकेड्मी को उर्दू की तरक़्क़ी-ओ-इशाअत के लिए इज़ाफ़ी बजट की ज़रूरत पेश आसकती है । लेकिन उन्हें उम्मीद है कि रियासती हुकूमत इस सिल्सिला में मुकम्मल तआवुन करेगी ।
उन्हों ने बताया कि एकेड्मी बहुत जल्द एक मुतहर्रिक इदारे की हैसियत से अपनी शनाख़्त बनाएगी । एकेड्मी की दीगर स्कीमात का तज्किरा करते हुए उन्हों ने बताया कि उर्दू एकेड्मी की दीगर स्कीमात के लिए भी बहुत जल्द एलामीया जारी किया जाएगा ताकि उर्दू की तरक़्क़ी-ओ-तरवीज के लिए अमली इक़दामात का आग़ाज़ किया जा सके ।
प्रोफेसर एस ए शकूर ने बताया कि मुसव्वदात के इदख़ाल की आख़िरी तारीख 25 मई 2012 मुक़र्रर की गई है । उन्हों ने स्कीम की तफ़सीलात से वाक़िफ़ करवाते हुए कहा कि 1/8 साइज़ का मुसव्वदा बाद अज़ इशाअत कम अज़ कम 96 सफ़हात का होना चाहीए और 1/16 साइज़ की किताब कम अज़ कम 112 सफ़हात की होनी चाहीए । जिसे उर्दू एकेड्मी इमदाद फ़राहम करेगी । मुसव्वदा के हमराह क़लम्कार को माली इआनत के लिए सादा काग़ज़ पर तहरीरी दरख़ास्त बायो डाटा के साथ दाख़िल करना होगा ।