उर्दू मुहब्बत की ज़बान फ़िर्कावाराना का पैग़ाम देती है

रामपुर, 29 अप्रैल: मुमलिकती वज़ीर फ़रोग़ इंसानी वसाइल जतिन प्रशाद ने कहा कि उर्दू मुहब्बत की ज़बान है और ये फ़िर्कावाराना हम आहंगी के पयाम को आम करती है। उन्होंने उर्दू अदीबों पर ज़ोर दिया कि वो अवाम के अंदर उर्दू से मुहब्बत करने का जोश-ओ-जज़बा पैदा करें।

मशहूर शायर अमीर ख़ुसरो की शायरी और उन पर लिखी गई मुख़्तलिफ़ किताबों की नुमाइश का यहां पर रज़ा लाइब्रेरी में इफ़्तिताह करने के बाद तक़रीब से ख़िताब करते हुए जतिन प्रशाद ने कहा कि हिन्दुस्तान में मुमताज़ अदीबों और मुसन्निफ़ीन ने अदब के लिए बहुत कुछ काम किया है। अमीर ख़ुसरो का पयाम क़ौमी यकजहती को फ़रोग़ देता है। उन्होंने उर्दू शाइरों पर तहक़ीक़ को फ़रोग़ देने के लिए 1300 किताबें अतीया दीं।