उर्दू यूनीवर्सिटी में ड्रामा मिर्ज़ा ग़ालिब की हवेली की पीशकशी हैदराबाद । 15 । नवंबर : ( प्रैस नोट ) : मौलाना आज़ाद नैशनल उर्दू यूनीवर्सिटी में यौम आज़ाद तक़ारीब के एक जुज़ु के तौर पर आईडीया ग्रुप मुंबई की जानिब से एक ड्रामा मिर्ज़ा ग़ालिब की हवेली की शानदार पेशकश अमल में आई ।
ड्रामे के डायरैक्टर जनाब मुजीब ख़ां ने मेहमानों का ख़ौरमक़दम किया । शुरका में यूनीवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफ़ैसर मुहम्मद मियां भी शामिल थे। ड्रामे की सह्र अंगेज़ और क्लासिकी पेशकश के ज़रीये मुमताज़ शायर असद उल्लाह ख़ां ग़ालिब की हयात अहदावर उन की शायरी के नुक़ूश वाज़ेह किए गए ।
मुनक़्क़श स्टेज और दिलफ़रेब साज़-ओ-आवाज़ के तवस्सुत से नाज़रीन महफ़िल ने ख़ुद को मुग़्लिया हुकूमत के आख़री दौर की शिकस्त-ओ-रेखित दिल्ली की तबाही-ओ-बर्बादी और ग़दर की सूरत-ए-हाल से क़रीबतर महसूस किया।गुज़श्ता शाम उर्दू यूनीवर्सिटी कैंपस में वाक़्य ओपन एयर आडीटोरीयम में पेश किए गए इस ड्रामे के क़लमकार मुमताज़ ड्रामा नवीस जनाब क़ाज़ी मुश्ताक़ थे जबकि मिर्ज़ा ग़ालिब के किरदार में मारूफ़ फ़िल्मी नग़मा निगार जनाब इबराहीम अशक ने किरदार निगारी के जौहर दिखाए ।
ग़ालिब के साथ साथ डोमनी के किरदार में दीपाली कामत और अंग्रेज़ पुलिस अफ़्सर के किरदार में वरुन मोहरा ने अपनी अदाकारी से लोगों के दिल जीत लिए । इस ख़ूबसूरत और यादगार ड्रामे में ग़ालिब के आख़री दौर को नुमायां किया गया । मुकम्मल सीट इस का पस-ए-मंज़र और अदाकारों के मख़सूस लिबास से दिल्ली की क़दीम तहज़ीब मुजस्सम सामने खड़ी महसूस होरही थी। आईडीया ग्रुप बहुत जल्द मौलाना आज़ाद और आख़िरी मुग़ल नामी दो नए ड्रामे पेश करने वाला है।
आख़िर में तमाम अदाकारों की ख़िदमत में प्रोफ़ैसर ख़ालिद सईद प्रोफ़ैसर वहाब क़ैसर प्रोफ़ैसर फ़ज़ल उलरहमान और प्रोफ़ैसर मुहम्मद ज़फ़र उद्दीन के हाथों यौम आज़ाद तक़ारीब के लिए ख़ुसूसी तौर पर तैय्यार करदा यादगारी तोहफ़ा पेश किया गया।