सँभलपुर, २८ नवंबर (पीटीआई) उर्दू के माया नाज़ शायर बलराज कोमल को 2011 के बावक़ार एज़ाज़ गंगाधर नेशनल एवार्ड के लिए मुंतख़ब किया गया है । संभलपुर यूनीवर्सिटी की 46वीं यौम तासीस के मौक़ा पर उन्हें ये एवार्ड पेश किया जाएगा जो एक मोमिनटो तौसीफ नामा शाल और 50,000 रुपए नक़द पर मुश्तमिल है ।
याद रहे कि बलराज कोमल उर्दू के चौथे शायर हैं जिन्हें इस बावक़ार एवार्ड के लिए मुंतख़ब किया गया । अब तक मुख़्तलिफ़ हिंदूस्तानी ज़बानों के शारा को ये ऐवार्ड दिया जा चुका है । स्यालकोट ( जो अब पाकिस्तान में है) में पैदा हुए बलराज कोमल फ़िलहाल नई दिल्ली में सुकूनत पज़ीर हैं ।
दिल्ली एडमिनिस्ट्रेशन के एक साबिक़ एजूकेशन आफीसर को क़ब्लअज़ीं उनकी नज़म परिन्दों का आसमान पर 1985 में साहित्य एकेडेमी एवार्ड और बादअज़ां ग़ालिब सामान से भी नवाज़ा जा चुका है । यहां इस बात का तज़किरा ज़रूरी है कि सँभलपुर यूनीवर्सिटी 1992 से क़ौमी सतह पर मशहूर-ओ-मारूफ़ शारा को गंगाधर नैशनल एवार्ड से नवाज़ गया ।
अब तक जिन शारा-ए-को ऐवार्ड से नवाज़ा गया है इन में अली सरदार जाफरी, शक्ति चटोपाध्याय, अप्पा पानीकर, बंदा करांडेकर, नरोपम कौर, एम सच्चदानंदन, शंघा घोष, नीला मोनी फूकन, गुलज़ार, डाक्टर सुरजीत सिंह, राजिंदर किशोर पांडा और शहरयार के नाम शामिल हैं ।