संगा रेड्डी, १५ दिसम्बर: (सियासत डिस्ट्रिक्ट न्यूज़) जनाब मुहम्मद अबदुलक़ादिर फ़ैसल चिशती सदर वर्किंग जर्नलिस्ट ज़िला मेदक को उस्मानिया यूनीवर्सिटी की ऐगज़ीक्यूटिव कौंसल मैंबर नामज़द करने पर ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ वेलफेयर सोसाइटी सिंगा रेड्डी के ज़ेर-ए-एहतिमाम जनाब ज़ाहिद अली ख़ान चीफ़ एडीटर रोज़नामा सियासत हैदराबाद की ज़ेर-ए-सदारत टी एन जी औज़ भवन संगा रेड्डी में तहनीती तक़रीब मुनाक़िद हुई जिस में जनाब ज़ाहिद अली ख़ान चीफ़ एडीटर रोज़नामा सियासत ने अपने सदारती ख़िताब में संगा रेड्डी में डयलासिस सैंटर क़ायम करने इदारा सियासत की जानिब से एक डयलासिस मिशन ख़्वाजा ग़रीबनवाज़ वेलफेयर सोसाइटी संगा रेड्डी को अतीया देने का ऐलान किया। डयलासिस इंतिहाई महंगा ईलाज है जो ग़रीब
अवाम की दस्तरस से बाहर ही। ख़्वाजा ग़रीबनवाज़ वेलफेयर सोसाइटी संगा रेड्डी ने डयलासिस मशीन का अतीया देने के ऐलान का ख़ौरमक़दम करते हुए जनाब ज़ाहिद अली ख़ान और इदारा सियासत से इज़हार-ए-तशक्कुर किया। वाजे रहे कि संगा रेड्डी में मुनाक़िदा तहनीती तक़रीब से ख़िताब करते हुए जनाब ज़ाहिद अली ख़ान ने कहा कि रियासत में मर्ज़ गुर्दा बहुत तेज़ी से फैल रहा है गुर्दा नाकारा होने पर डयलासिस किया जाता है जो इंतिहाई महंगा ईलाज है। मर्ज़ गुर्दा पर शऊर बेदारी मुहिम पर ज़ोर दिया और कहा कि अगर किसी को मर्ज़ क़लब है तो दो तातीन लाख रुपय ख़र्च करते हुए बाई पास सर्जरी करदी जाती है इस के बाद मामूल के मुताबिक़ ईलाज होता है लेकिन डयलासिस के मरीज़ का मसला ऐसा नहीं है उन्हें तादम डीलासीस के महंगे ईलाज से ज़ेर बार रहना पड़ता है क़ादिर फ़ैसल इस दर्द से बख़ूबी वाक़िफ़ हैं चूँकि उन की वालिदा मुहतरमा का इंतिक़ाल डयलासिस की वजह से हुआ उन्ही की ख़ाहिश पर डयलासिस मशीन दी जा रही है।
जनाब ज़ाहिद अली ख़ान ने कहा कि वो ग़रीबनवाज़ सोसायटी की कारकर्दगी से मुतमइन हैं। उन्हों ने कहा कि सिंगा रेड्डी ने इदारा सियासत को ख़ालिक़ हुसैनी और क़ादिर फ़ैसल जैसे दो होनहार सहाफ़ी दिए हैं ये दो भाई महिज़ नामा निगार सियासत नहीं बल्कि मेरे लिए अफ़राद ख़ानदान हैं आज क़ादिर फ़ैसल की अवामी मक़बूलियत और मुहब्बत को देख कर मुझे बेहद ख़ुशी हुई और उन पर मुझे फ़ख़र है उन्हें अपनी ख़िदमात को मज़ीद वुसअत देते हुए जद्द-ओ-जहद जारी रखनी चाहीये। हासिदीन और मुख़ालिफ़ीन की परवाह किए बगै़र अज़म मुसम्मम के साथ अपने काम को जारी रखें जनाब ज़ाहिद अली ख़ान ने उर्दू सहाफ़त में तिजारती घरानों और ग़ैर उर्दू दां हिन्दी अख़बारात के मालकीयन के दाख़िले पर तशवीश का इज़हार करते हुए कहा कि रोज़नामा इन्क़िलाब मुंबई, रोज़नामा समाचार कोलकता को हिन्दी अख़बारात के मालकीयन ने ख़रीद लिया है।
मुम्किन है कि दौलत की बुनियाद पर इन अख़बारात को चलाईं लेकिन सब से अहम सवाल ये है कि क्या वो दर्द और मक़ासिद बाक़ी रहेंगे जो इन उर्दू अख़बारात के बानयान ने अख़बार शुरू करते वक़्त क़ायम किए थे उर्दू सहाफ़त का अलमीया रहा हीका अख़बार के बानी के बाद इस का कोई पुर्साने हाल नहीं रहता लेकिन रोज़नामा सियासत इस के बरअक्स है मुहतरम आबिद अली ख़ान मरहूम ने अपनी हयात में ही मुझे जांनशीन बनाया और मैंने जनाब आमिर अली ख़ान को अपना जांनशीन बनाया इंशा-ए-लल्ला बफ़ज़ल अल्लाह ताला बसदक़ा नबी करीम सिल्ली अल्लाह अलैहि वसल्लम मुस्तक़बिल में आमिर अली ख़ान के साहबज़ादे उन के जांनशीन होंगी। उन्हों ने कहा कि शहर हैदराबाद में 30 डसमबर को इदारा सियासत के ज़ेर-ए-एहतिमाम आलमी उर्दू एडीटरस कान्फ़्रैंस मुनाक़िद होगी जिस में शिरकत के लिए ज़िला मीदक के तमाम उर्दू सहाफ़ीयों को मदऊ करता हूँ, जनाब ख़्वाजा क़यूम अनवर एडीटर टी न्यूज़ ने कहा कि इन का सहाफ़ती करीयर रोज़नामा सियासत से शुरू हुआ इदारा सियासत से वाबस्ता होने वाले महरूमी का शिकार नहीं होते जिस की मिसाल में हूँ और फ़ैसल हैं, एम ए क़ादिर फ़ैसल ने अपनी तक़रीर में कहा कि जामिआ उस्मानिया हैदराबाद की ऐगज़ीक्यूटिव कौंसल मैंबर नामज़द होना बहुत बड़ा एज़ाज़ है लेकिन इस ओहदा का दायरा उस्मानिया यूनीवर्सिटी तक महिदूद है इस ओहदे के ज़रीया आम अवामी ख़िदमत नहीं की जा सकती लेकिन इस ओहदे को हुकूमत और आला हुक्काम से नुमाइंदगी करने वसीला बनाते हुए उर्दू और मुस्लिम मसाइल की यकसूई के लिए सुई करूंगा। कोई भी काम फ़र्द-ए-वाहिद से मुम्किन नहीं सब मिल जल कर काम करने से ही काम मुकम्मल होते हैं और उन के साथ भी यही हुआ है ।
उन्हों ने ओहदे के लिए नायब वज़ीर-ए-आला दामोदर राज नरसिम्हा और रुकन असैंबली सिंगा रेड्डी टी जुए प्रकाश रेड्डी से इज़हार-ए-तशक्कुर किया और तहनीती जलसे का एहतिमाम करने तमाम मुंतज़मीन और इस में शिरकत करने वाले तमाम अस्हाब का शुक्रिया अदा किया जनाब मुहम्मद महमूद अली असीर अलहाशमी सदर उर्दू फ़ोर्म सिंगा रेड्डी ने इबतिदाई तक़रीर में क़ादिर फ़ैसल की ख़िदमात पर तफ़सीली रोशनी डाली और ख़िदमत माँ और परवाज़ फ़ैसल के उनवान पर मंजूम ख़िराज-ए-तहिसीन पेश किया, उर्दू फ़ोर्म की जानिब से ज़बरदस्त तहनियत पेश की गई जनाब मुहम्मद इकराम अली उम्र अज़ीज़ी नोरीऔ सदर ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ वेलफेयर सोसाइटी ने तमाम का इस्तिक़बाल किया। जनाब एम ए सलाम प्रिंसिपल के जी बीवी गर्लज़ इक़ामती उर्दू मीडियम स्कूल काशी पर सिंगा रेड्डी ने कहा कि उर्दू के मसाइल पर क़ादिर फ़ैसल की ख़िदमात ग़ैरमामूली हैं। जनाब मुहम्मद साजिद अली सदर सोटा जनाब मुहम्मद उमर अली नायब सदर सोटा ने उर्दू असातिज़ा के हमराह तहनियत पेश की के जी बी वी अक़ामती गर्लस् उर्दू मीडियम स्कूल काशीपुर् के स्टाफ़ ने जनाब एम ए सलाम की सरकर्दगी में तहनियत पेश की।
जनाब रियाज़ अहमद ख़ान अस्सिटेंट ए एल् एस, जनाब ज़िक्र अनवर अहमद ख़ान अस्सिटैंट ए ऐम ओ राजीव विद्या मिशन ज़िला मेदक, मुख़्तलिफ़ डिग्री कॉलेज्स् के प्रिंसिपल व सटाफ़, जनाब एम ए अज़ीम प्रिंसिपल जूनियर कॉलिज, जनाब सय्यद असलम नज़ीर प्रिंसिपल इक़ामती उर्दू मीडियम ब्वॉयज़ स्कूल संगा रेड्डी, जनाब मुहम्मद अमजद लकचरर गर्लज़ जूनियर कॉलिज, जनाब सय्यद शाहनवाज़ और दीगर कई अस्हाब ने तहनियत पेश की जबकि ख़्वाजा ग़रीबनवाज़ वीलफ़ीर सोसाइटी की जानिब से हज़रत हकीम अमरीन अहमद फ़ैसल अली शाह बंदानवाज़ी सज्जादा नशीन बारगाह इर्फ़ानी, मुहम्मद इकराम अली उम्र, सूफ़ी माजिद पाशाह, अफ़ज़ल हुसैन सिद्दीक़ी, मेराज ख़ान हाश्मी, एम ए रशीद मिलन स्वीट, मक़बूल अहमद ख़ान, वली उद्दीन , एम ए समीअ, कलाम बैग, मुहम्मद नावेद, ख़ालिद निज़ामी, शेख़ चांद पाशाह, सय्यद ज़ाकिर हुसैन, सय्यद सलीम प्रिंस, मुहम्मद शब्बीर हाश्मी, मुहम्मद सलीम ख़ान, मुहम्मद ज़ाकिर, मुहम्मद जलाल उद्दीन मुईन ग़ोसवी, असाज़नवाज़ ख़ान, रहमत बैग और दीगर मोअज़्ज़्ज़ीन् की गूलपोशी की गई |