हिन्दी फिल्मों की रूसी अदाकारा एलिना कज़ान इन दिनों उर्दू सीख रही हैं। इसके लिए उन्होंने बा़ज़ाब्ता एक उर्दू उस्ताद की खिदमात भी हासिल की हैं।
पहले मॉडलिंग और अब हिन्दी फिल्मों में अहम किरदारों में नज़र आने वाली एलिना अपनी नयी फिल्म ‘जॉन डे’ की तशहीर के लिए हैदराबाद आयीं थीं। इस फिल्म मे वो नसीरुद्दीन शाह और रणदीप हुड्डा के साथ ईरानी खातून का रोल अदा कर रहीं हैं। उन्होंने ‘सियासत’ से बातचीत के दौरान बताया कि हिन्दुस्तानी जुबान से उन्हें शुरू से ही दिलचस्पी रही है।
रूसी मॉडल और अदाकारा एलिना कजान ने कहा कि उनका फिल्मों में आना एक इत्तेफा़क है। उन्होंने न्यूयॉर्क कॉलेज में तालिबे इल्मी के दौरान वीडियो लाइब्रेरी में गुरुदत्त और मधुबाला की फिल्में देखते हुए कभी भी यह नहीं सोचा था कि किसी दिन वह हिन्दी फिल्मों की अदाकारा बनेगी। हिन्दुस्तानी इसलिए सीखी कि हिन्दुस्तान में जर्मन के एक एनजीओ इदारे के साथ काम करना था। इंडो-जर्मन चेम्बर्स की समाजी सरगर्मियों के लिए उनका त़कर्रुर कोलकाता में किया गया था। यहाँ काम करने के लिए उन्हें बंगाली सीखनी पड़ी। तीन साल तक उन्होंने इस इदारे के साथ काम किया। इसी दौरान एक बंगाली फिल्म में उन्हें काम करने का म़ौका मिला।
फिल्म ‘एजेंट विनोद’ सैफ अली खान के साथ में अदाकारी के बाद उन्हें हिन्दी फिल्में मिलने लगीं तो उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। हिन्दुस्तानी ज़ुबान जानने के बारे में ‘थोड़ा-थोड़ा’ कहने वाली एलिना कजान जब हिन्दुस्तानी बोलती हैं तो ऐसा नहीं लगता कि वह रशिया, जर्मनी या अमेरिका में पली-बढ़ी हैं। उन्होंने उर्दू सीखने के लिए एक उस्ताद की खिदमात हासिल की हैं। लखनऊ के हबीब चाचा उन्हें उर्दू सिखा रहे हैं। एलिना का मानना है कि किसी भी मु़काम पर रहते हुए उन लोगों से क़रीब होना है और वहाँ की तहज़ीब को बेहतर तौर पर जानना है तो वहाँ की ज़ुबान सीखना ज़रूरी है।
एलिना कई बार हैदराबाद आयीं हैं। बल्कि उन्होंने चारमीनार के पास एक होटल में ईरानी चाय की चुस्कियां भी ली हैं और कराची बेकरी के बिस्किट खाए हैं।