उर्दू से नई नसल की दूरी अफसोसनाक

हैदराबाद 7 जुलाई, ( सियासत न्यूज़) आंध्र-प्रदेश उर्दू एकेडेमी की जानिब से उर्दू के मुख़्तलाफ शोबों में नुमायां ख़िदमात अंजाम देने वाली शख़्सियतों को उन की मजमूई ख़िदमात पर कारनामा ए हयात अवार्ड पेश किए गए।

साल 2009 से 2011 तीन बरसों के लिए 7 मुख़्तलाफ ज़ुमरों में 21 नुमाइंदा शख़्सियतों को सेक्रेटरी अ़कलीयती बहबूद जनाब अहमद नदीम (आई ए ऐस) ने अवार्ड पेश किए। ये अवार्ड 25 हज़ार रुपये, तौसीफ नामा और मोमेंटो पर मुश्तमिल है। इस सिलसिले में इंदिरा प्रियदर्शनी हाल बाग़े आम्मा में त़करीब मुनाक़िद की गई थी। पंचायत राज इंतिख़ाबात के बाइस रियास्ती इलेक्शन कमीशन ने इंतिख़ाबी ज़ाबता अख़ल़ाक के तहत इस त़करीब में सियासी शख़्सियतों को मदऊ किए जाने पर पाबंदी आइद करदी थी, जिस के बाइस सेक्रेटरी अ़कलीयती बहबूद ने अवार्ड त़कसीम किए। शायरी, तह़क़ीक-ओ-तन्क़ीद, नस्र, तालीम-ओ-तदरीस, सहाफत और फरोग़ उर्दू के शोबों में हैदराबाद और अज़ला से ताल्ल़ुक रखने वाली शख़्सियतों को अवार्ड की पेशकशी अमल में आई।

तीन बरसों के तहत शायरी के ज़ुमरे में अमजद हैदराबादी और सईद शहीदी अवार्ड हासिल करने वालों में जनाब मुहम्मद अमान अली साक़िब साबरी, डाक्टर मुहसिन जलगानवी, डाक्टर फ़ाऱूक शकील, जनाब मसऊद जावेद हाश्मी, जनाब हलीम बाबर और जनाब सूफी सुलतान शुतारी शामिल हैं। तह़क़ीक-ओ-तन्क़ीद के ज़ुमरे में डाक्टर मुहीउद्दीन कादरी ज़ोर अवार्ड डाक्टर यूसुफ़ हाश्मी, डाक्टर हुमैरा जलीली और डाक्टर ख़्वाजा अज़ीज़ अहमद उरुसी को दिया गया। नस्र के शोबे में डाक्टर आग़ा हैदर हुसैन अवार्ड प्रोफेसर बेग एहसास, मुहतरमा फरीदा ज़ैन और डाक्टर सय्यद अब्बास मुत्त़की ने हासिल किया। तालीम-ओ-तदरीस के शोबे में प्रो. हबीब अलरहमन अवार्ड प्रो. फातिमा बेगम, जनाब सय्यद शाह सिराजुद्दीन और डाक्टर अबदुल़कय्यूम को पेश किया गया। सहाफत के ज़्gामरा में महबूब हुसैन जिगर अवार्ड हासिल करने वालों में जनाब मुहम्मद शहाबुद्दीन हाश्मी ब्यूरो चीफ रोज़नामा सियासत , जनाब एम ए जब्बार सिद्द़ीकी (सीनीयर जर्नलिस्ट) और जनाब शौकत अली सूफी (राष्ट्रीय सहारा) शामिल हैं।

फरोग़े उर्दू के लिए श्रीनवास लाहोटी अवार्ड जनाब सय्यद बशीर अहमद (बशीर अनवर), डाक्टर क़ुतुब सरशार और जनाब जलाल उद्दीन अकबर को पेश किया गया। जनाब अहमद नदीम सेक्रेटरी अ़कलीयती बहबूद ने त़करीब से ख़िताब करते हुए कहा कि उर्दू के मुख़्तलिफ शोबों में नुमायां ख़िदमात अंजाम देने वाली शख़्सियतों का एतराफे ख़िदमात करना क़ाबिल-ए-तहसीन है। उन्हें इस बात की ख़ुशी है कि सेक्रेटरी अ़कलीयती बहबूद की ज़िम्मेदारी सँभालने के अंदरून दस यौम उर्दू की एक बड़ी त़करीब में शिरकत का म़ौका मिला। हिंदूस्तान में उर्दू की अपनी तारीख़ है और हैदराबाद ने उस की तरक़्क़ी और तरवीज में नुमायां रोल अदा किया है।

जनाब अहमद नदीम ने कहा कि हिंदूस्तान में दिल्ली, लखनऊ और हैदराबाद उर्दू की तरक़्क़ी के अहम मराकज़ हैं। इन शहरों ने उर्दू के फरोग़ में अहम रोल अदा किया। हैदराबाद ने कई बड़े शायर और अदीबों को दुनिया के सामने पेश किया और आज भी उर्दू अदब की कई मुमताज़ शख्सियतें हैदराबाद में मौजूद हैं। उन्होंने उर्दू एकेडेमी की कारकर्दगी की सताइश की और कहा कि इस के सेक्रेटरी डायरैक्टर प्रो. एसए शकूर ने एकेडेमी की तमाम असकीमात पर अमल आवरी में ख़ुसूसी दिलचस्पी दिखाई है और तमाम असकीमात मुकम्मल करली गईं। उन्होंने कहा कि एकेडेमी के बजट को बढ़ा कर 25करोड़ कर दिया गया है लिहाज़ा तवक़्क़ो की जा सकती है कि एकेडेमी उर्दू की ख़िदमात का अपना दायरा वसीअ करेगी। जनाब अहमद नदीम ने एकेडेमी के बजट में इज़ाफा और सरगर्मीयों में तौसीअ के लिए हर मुम्किन तआवुन का य़कीन दिलाया। नई नसल को उर्दू से वाबस्ता करने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए जनाब अहमद नदीम ने कहा कि आज के मसाबिकती दौर में नई नसल उर्दू से दूर होती जा रही है और हमें एकेडेमी और दीगर इदारों से ऐसी इस्कीमात को पेश करना होगा जिस से नौजवान नसल उर्दू के क़रीब हो। प्रो. एसए शकूर ने ख़ैरम़कदम करते हुए बताया कि एकेडेमी की तमाम बड़ी इस्कीमात पर अमल आवरी मुकम्मल हो चुकी है। उर्दू किताबों के 136 मुसव्विदात, उर्दू के 167 छोटे अख़बारात, 20 उर्दू किताबों को एकेडेमी ने अब तक इनाम और इमदाद दी है। बेस्ट स्टूडैंट अवार्ड के तहत 58 तलबा और उर्दू टीचर्स अवार्ड के तहत 3 असातिज़ा को ऐवार्डज़ पेश किए गए। उन्हों ने बताया कि कारनामा हयात ऐवार्ड के लिए जुमला 33 दरख़ास्तें एकेडेमी को वसूल हुईं और जजस के पिया नल ने ऐवार्ड याफतगान का इंतिख़ाब इंतिहाई शफ़ाफियत(पारदर्शिता) के साथ किया है।