नई दिल्ली: राज्यसभा में आज सूचित किया गया है कि सरकार अगर उर्दू के लिए कदम बडा रही है लेकिन स्कूलों में उर्दू जरूरी पढ़ाने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शून्यकाल के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए मंत्री मानव संसाधन प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि उर्दू भाषा बढ़ाने के लिए सरकार उपाय कर रही है कि उर्दु अन्य भाषाओं की तरह महान भाषा है।
हालांकि स्कूलों में उर्दू को अनिवार्यता का प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि सह भाषाई सूत्र का मुख्य उद्देश्य स्कूली शिक्षा में भाषाई सौहार्द और समानता को बढ़ावा देना है जिसके लिए 3 भाषाओं में शिक्षा क्षमता प्रदान की गई है। केंद्रीय व हटाइये ने कहा कि बहुत जल्द राष्ट्रीय शिक्षा नीति को क़तईयत दी जाएगी जिसके अनुसार पृष्ठ ताकि बारहवीं जमात पाठ्य पुस्तकें प्रकाशन और उर्दू शिक्षकों की ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्होंने कहा कि बीएड कोरसस के लिए आधुनिक पाठ्य पुस्तकें तैयार की जा रही हैं।