रवां मानसून के इबतिदाई तीन माह बारिश के बगै़र गुज़र जाने के सबब हैदराबाद आइन्दा मौसिम-ए-गर्मा के दौरान पीने के पानी की शदीद क़िल्लत के अंदेशों से फ़िक्रमंद शहरीयों को बिलआख़िर इतमीनान की सांस लेने का मौक़ा मिल गया जब शहर में पिछ्ले तीन दिन से जारी बारिश के नतीजे में बिशमोल हिमायत सागर कई ज़ख़ाइर आब की सतह में इज़ाफ़ा हुआ है और हुक्काम के मुताबिक़ पिछ्ले तीन दिन के दौरान जमा शूदा पानी आइन्दा तीन माह के लिए काफ़ी होसकता है जबकि माह सितंबर में होने वाली बारिश से हिमायतसागर और दुसरे ज़ख़ाइर के आब गीर रकबों में पानी जमा होसकता है।
हैदराबाद मेट्रो वाटर वर्क़्स ऐंड सीवरेज बोर्ड के डायरेक्टर (ऑपरेशंस ) जी रामेश्वर राव ने कहा कि हिमायतसागर में पानी की सतह में चार फिट का इज़ाफ़ा हुआ है जिस में इज़ाफ़ा जारी है।
मानजरा ज़ख़ीरा आब की सतह में भी इज़ाफ़ा हुआ है। पिछ्ले चंद रोज़ तक भी इन ज़ख़ाइर में पानी जमा नहीं हुआ था अगर यही सूरते हाल चंद दिन जारी रहती तो हैदराबाद में पीने के पानी की ज़रूरीयात की तकमील के लिए जोराला और श्रीसेलम जैसे ज़ख़ीरों से पानी लाने की ज़रूरत पैदा होसकती थी।
रामेश्वर राव ने कहा कि ज़ख़ीरा आब में इज़ाफ़ा इतमीनान बख़श है बिलउमूम अगस्ट् और सितंबर के दौरान शहरी ज़ख़ाइर में काफ़ी मिक़दार में पानी जमा होता है।
उन्होंने तवक़्क़ो ज़ाहिर की के सितंबर के दौरान इन ज़ख़ीरों में पानी जमा होगा। इस बोर्ड के एक दूसरे डायरेक्टर प्रभाकर शर्मा ने हिमायतसागर में पिछ्ले पाँच दिन के दौरान पानी की सतह में पाँच फिट का इज़ाफ़ा हुआ है। हिमायतसागर ज़हाइर आब की मजमूई सतह 1,763 फिट है जिस के मिनजुमला हफ़्ते को 1,749 फिट तक पानी रिकार्ड किया गया। ये इज़ाफ़ा शूदा पानी आइन्दा पाँच माह यानी जनवरी 2015 तक शहर में पीने के पानी की ज़रूरीयात की तकमील के लिए काफ़ी होजाएगा जबकि बारिश के साथ ज़ख़ीरा की सतह आब में इज़ाफे का क़वी इमकान है।
इस दौरान कृष्णा मरहला III का काम मुकम्मिल होजाएगा।जिस के बाद हैदराबाद को दरयाए कृष्णा से पानी की फ़राहमी यक़ीनी होजाएगी। हिमायतसागर और उसमानसागर दोनों शहरों खास्कर पुराना शहर हैदराबाद में पीने के पानी की ज़रूरीयात पूरी करते हैं।
प्रभाकर शर्मा ने कहा कि हैदराबाद मेट्रो वाटर स्पलाई ऐंड सीवरेज बोर्ड (एच एम डब्लयू एस एसबी) के एक ओहदेदार ने कहा कि बोर्ड की तरफ़ से शहर को दो ज़ख़ाइर से यौमिया 340 मिलियन गैलन पानी सरबराही किया जाता है।
सिंगूर , मांजीरा ,एकम पली (कृष्णा मरहला अव्वल-ओ-दोम) और नागरजुनासागर जैसे दुसरे ज़ख़ाइर आब में ख़ातिरख़वाह पानी मौजूद है। दरयाए कृष्णा का मरहला III जनवरी / फरवरी में मुकम्मिल होजाएगा जिस से शहर को 90 मिलियन गैलन यौमिया पानी सरबराह किया जा सकता है।