यरूशलम 9 जनवरी (पी टी आई) पाकिस्तान के साबिक़ फ़ौजी हुक्मराँ जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ ने कहा कि वो पाकिस्तान के दार-उल-हकूमत के क़रीब उसामा बिन लादन कीरूपोशी से क़तई नावाक़िफ़ थे। इसराईली रोज़नामा को अव्वलीन इंटरव्यू में उन्हों ने परज़ोर अंदाज़ में अलक़ायदा के सरबराह की पाकिस्तान में रूपोशी से वाक़िफ़ होने की तरदीद की। उन्होंने एतराफ़ किया कि ये एक संगीन लापरवाही थी जो इंतिहाई शर्मनाक भी है लेकिन उन की रूपोशी से वाक़फ़ीयत इस से भी बदतर बात होती।
वो सौ फ़ीसद यक़ीन के साथ कह सकते हैं कि वो पाकिस्तान में उसामा बिन लादन की रूपोशी से नावाक़िफ़ थे। उन्हों ने कोताही का एतराफ़ करते हुए उस की वजह की वज़ाहत करते हुए कहा कि चूँकि उसामा बिन लादन रूपोशी के दौरान टैली फ़ोनी मुवासलात इस्तिमाल नहीं कररहे थे। इस लिए इन का पता शख़्सी सुराग़ रसानी के ज़रीया ही लगाया जा सकता था और ये आई ऐस आई के फ़राइज़ में दाख़िल है।
उन्होंने पुरज़ोर अंदाज़ में कहा कि इन के किसी से भी यहां तक कि पड़ोसीयों से भी रवाबित नहीं थे। उन्हों ने कहा कि बहैसीयत सदर उन के पास सुराग़ रसानी के लिए अफ़रादी ताक़त नहीं थी और ये आई ऐस आई की ज़िम्मेदारी थी कि वो इस बारे में पता चलाता अगर आई ऐस आई अपनी ज़िम्मेदारी की तकमील से क़ासिर रहे तो इस के लिए उन्हें जो उस वक़्त पाकिस्तान के सदर थे मौरिद इल्ज़ाम नहीं ठहराया जा सकता और अपनी ज़िम्मेदारी से बचने के लिए अपनी कोताहियों का उन्हें ज़िम्मेदार क़रारनहीं दिया जा सकता ।