उसामा बिन लादैन की हलाकत की कार्रवाई में हिस्सा लेने वाले एक फ़ौजी ने इस हवाले से जो किताब लिखी है इस में खु़फ़ीया इत्तिलाआत मौजूद हैं। मगर किताब के मुसन्निफ़ (लेखक) ने इस बात की तरदीद (खंडन) की है कि जो इत्तिलाआत इस में हैं इस से फ़ौजों के लिए और मुस्तक़बिल के मिशनों के लिए ख़तरा पैदा हो सकता है।
किताब नो ईज़ी डे में इस कार्रवाई की पूरी तफ़सील है जिस में उसामा बिन लादैन की तलाश और फिर उन्हें मारने की तमाम तफ़सील मौजूद है। नेवी सेल के कमांडो रात की तारीकी में हैलीकाप्टर से ऐबटाबाद में उसामा के मकान पर उतरे थे। इस कामयाब ऑप्रेशन से सदर बराक ओबामा की मक़बूलियत अमरीकीयों की नज़र में बढ़ गई है और हो सकता है कि इस बिना पर वो दूसरी मर्तबा भी सदर बन जाएं। इस ने लिखा है हम वहां उन्हें क़तल करने के लिए नहीं भेजे गए थे।
इस किताब में वहां इस्तिमाल होने वाले हथियारों, हेलमेट और तारीकी में देखने वाले चश्मों वग़ैरा की रंगीन तसावीर हैं। वाज़िह रहे कि अभी किताब लोगों के हाथों में नहीं पहुंची है।