उसामा के ख़िलाफ़ ऑप्रेशन की मंज़ूरी ज़रदारी ने दी

मेमो गेट स्कैंडल के मर्कज़ी किरदार मंसूर एजाज़ ने कहा है कि 2 मई की रात सदर ज़रदारी ने आर्मी चीफ़ को फ़ोन कियाऔर बताया कि उसामा बिन लादेन केख़िलाफ़ ऑप्रेशन की मंज़ूरी उन्हों ने दी है। मेमो तहक़ीक़ाती कमीशन की समाअत से क़बल पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्हों ने 2 मई की रातआसिफ़ अली ज़रदारी और फ़ौजी सरबराह की मुबय्यना गुफ़्तगु का हवाला देते हुए कहा कि पाकिस्तानी सदर ने आर्मी चीफ़ से कहा कि अमरीकी हेलीकापटर्स रोकने केलिए F-16 तय्यारे ना भेजे जाएं। मंसूर एजाज़ ने कहा कि ऐवान-ए-सदर से मेरे ख़िलाफ़ मुहिम चलाई जा रही है और ये अज़म ज़ाहिर किया कि अपने ख़िलाफ़ लिखने वालों का मुक़ाबला करूंगा।

एक और सवाल के जवाब में उन्हों ने कहा कि मेमो की कुछ बातें मुतनाज़ा लगती हैं। अमरीकी बिज़नस मैन एजाज़ ने बताया है कि साबिक़ अमरीकी मिल्ट्री सरबराह को उन्हों ने एक मेमो इस लिए हवाले किया क्योंकि चार ममालिक की इंटेलिजेंस एजैंसीयों ने उन्हें गुज़श्ता साल उसामा की हलाकत के बाद पाकिस्तान में यक़ीनी फ़ौजी बग़ावत केइमकान से आगाह किया था। एजाज़ ने ये दावा तब किया जबकि उन से वुकला ने सुप्रीम कोर्ट के मुक़र्ररा अदालती कमीशन की जानिब से मुनाक़िदा समाअत के तहत जरह की गई।

इस कमीशन को वो पुरअसरार मेमो की तहक़ीक़ात सपुर्द की गई हैं जिस ने गुज़श्ता साल ताक़तवर मिल्ट्री और सीवीलीन हुकूमत के दरमयान तात्तुल पैदा करदिया। एजाज़ ने दावा किया कि उन्हें आई ऐस आई सरबराह लीफ़टननट जनरल अहमद शुजाअ पाशाह की जानिबसे बग़ावत केलिए ताईद जुटाने के सिलसिले में कई मुल्कों को दौरों के ताल्लुक़ से मालूमात हासिल हुईं  ,

जिस के साथ-साथ फ़ौजी सरबराह जनरल इशफ़ाक़ परवेज़ क्यानी, सदरज़रदारी और मिल्ट्री सेक्रेटरी बराए सदर के गुज़श्ता साल 2 मई को अमरीकी स्पेशल फ़ोर्सेस की जानिब से बिन लादेन के ख़िलाफ़ कार्रवाई के बाद इन तमाम का रद्द-ए-अमल भी उन्हें हासिल हुआ। एजाज़ ने मज़ीद दावा किया कि उन्हों ने पाकिस्तानी एयर ट्रैफ़िक कंट्रोल स्टाफ़ और अमरीकी हेलीकॉप्टरों के पाइलटों के दरमयान बातचीत हासिल किए जबकि एबट आबाद में इन ही हेलीकॉप्टरों को उसामा के ख़िलाफ़ कार्रवाई में इस्तिमाल किया गया।