उसे वोट दें जो फ़िर्क़ापरस्त ताकतों को हराये : हाशमी

नामी सामाजिक कारकुनान शबनम हाशमी ने कहा कि हिन्दुस्तान की जम्हूरियत खतरे में है और इस इंतिख़ाब में अगर हमलोगों ने सोच-समझकर वोट नहीं किया तो जम्हूरियत खतरे में पड़ जाएगा। फासीवादी ताकतें मुल्क में नफरत फैलाकर दिल्ली की गद्दी पर बैठना चाहती हैं और सभी के बराबर के हक़ को छीनना चाहती है।

हमलोगों को उस सेक्यूलर पार्टी को वोट डालना है, जो फ़िर्क़ापरस्त ताकतों को मात दे सके। मुक़ामी क्रेन स्कूल के मीटिंग हॉल में एनजीओ और सामाजिक कारकुनान के साथ बैठक करते हुए शबनम हाशमी ने कहा कि कुछ लीडर नफरत की खेती कर वजीरे आजम की कुर्सी पर बैठना चाहते हैं, ऐसे लोगों से होशियार रहने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि गुजरात में लोगों को पीने का पानी नहीं मिलता है, वह रियासता के हर इलाक़े में पसमांदा है। उसका सिर्फ एक शोबे में तरक़्क़ी हुआ है और वह है कर्ज लेने में। गुजरात हुकूमत डेढ़ हजार करोड़ रुपए कर्ज में है, जब नरेन्द्र मोदी वहां के वजीरे आला बने थे तो उस वक्त गुजरात पर 35 हजार करोड़ रुपए कर्ज था। शबनम हाशमी ने कहा कि गुजरात में 2002 में दंगा हुआ, और उसका मार सबसे ज्यादा ख़वातीन के साथ ङोलना पड़ा।

उसके साथ खुलेआम इज़्तेमाई इस्मतरेज़ि हुए और इंसानियत को शर्मसार करनेवाली करतूत की गयी। उन्होंने गुजरात के साथ-साथ यूपी के मुजफ्फरनगर दंगे की चर्चा करते हुए कहा कि दोनों दंगे में बहुत कुछ यकजाहती थी। गुजरात का दंगा तौसिह था, जबकि मुजफ्फनगर का दंगा छोटा था। लेकिन दोनों दंगों में एक बात आम थी। दोनों में सबसे ज्यादा जुल्म की शिकार ख़वातीन हुईं। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी तानाशाह हैं और कॉरपोरेट जगत की मांग हैं।