हैदराबाद 08 फरवरी: तेलंगाना के ग़ज़ब ने गवर्नर आंध्र प्रदेश मिस्टर ई एस एल नरसिम्हन को जो उस्मानिया यूनीवर्सिटी के चांसलर भी हैं 79 वीं सालाना जलसा तक़सीम अस्नाद में शिरकत से दूरी इख़तियार करने पर मजबूर करदिया।
उस्मानिया यूनीवर्सिटी की ये रिवायती तक़रीब आज सुबह यूनीवर्सिटी कैंपस में जदीद टैगोर ऑडीटोरियम में मुनाक़िद हुई थी। गवर्नर की तक़रीब में शिरकत के ख़िलाफ़ उस्मानिया यूनीवर्सिटी की तलबा-ए-तनज़ीमों के नुमाइंदों ने आज यूनीवर्सिटी बंद का एलान किया था ताहम गवर्नर की अदम की तवक़्क़ो पर एन सी सी गेट पर गवर्नर का पुतला नज़र-ए-आतिश करने और एहितेजाजी मुज़ाहरा करने वाले 20 तलबा को हिरासत में ले लिया गया।
शिरकत की तौसीक़ पर तलबा ने अपना एहतेजाज वापिस ले लिया। तेलंगाना तहरीक के रूह रवां यूनीवर्सिटी तलबा तनज़ीमों के जारिहाना मौक़िफ़ को देखते हुए वाइस चांसलर प्रोफेसर एस सत्य नारायना के कहने पर पुलिस ने ज़बरदस्त सयान्ती इंतेज़ामात किए थे। मुख़्तलिफ़ तलबा तनज़ीमों ने जो ये समझती हैं कि गवर्नर तशकील तेलंगाना में हाइल होरहे हैं, उन की शिरकत तक़रीब को दिरहम ब्रहम करदेने की धमकियां दी थीं।
तलबा-ए-तंज़ीम पी डी एसयू ने भी उस्मानिया यूनीवर्सिटी कैंपस बंद का एलान किया था। यूनीवर्सिटी चांसलर की हैसियत गवर्नर नरसिम्हन तक़रीब में मेहमान ख़ुसूसी की हैसियत से शिरकत करते हुए तलबा-ए-में पी एच डी और पोस्ट ग्रैजूएट एवार्ड्स अता करने वाले थे ताहम यूनीवर्सिटी कैंपस में ग़ालिब सूरत-ए-हाल और तलबा-ए-तनज़ीमों की धमकियों के पेश नज़र कल शब ही ये बात आम होगई थी कि गवर्नर तक़रीब में शिरकत से अहितराज़ करने वाले हैं।
बताया जाता है कि इंटेलिजेंस एजंसियों की रिपोर्टस पर गवर्नर ने इन तक़ारीब से ख़ुद को दूर रखने का फैसला किया। नरसिम्हन के तक़रीब में शिरकत ना करने के फैसले के पेश नज़र साबिक़ वाइस चांसलर गवर्धन महित से दरख़ास्त की गई थी कि वो मेहमान ख़ुसूसी की हैसियत से शिरकत करें और तलबा-ए-में अस्नाद तक़सीम करें। मेहमान ख़ुसूसी के इनामात की तक़सीम के दौरान ऑडीटोरियम तेलंगाना के नारों से गूंजता रहा।
तेलंगाना के एक सख़्त गैर हामी और हिंदू मुस्लिम फ़िर्क़ा विराना हम आहंगी के जहद कार कैप्टन पांडव रंगा राव ने पी एच डी की सनद लेने से इनकार करदिया। उन के इस इक़दाम से तेलंगाना तहरीक के हामी तलबा-ए-में जोश और वलवला पैदा होगया और उन की ताईद में तलबा-ए-ने जए तेलंगाना के नारे लगाए। उन्हों ने इस ख़सूस में वाइस चांसलर को एक मह्ज़र पेश किया जिस में उन्हों ने उस्मानिया यूनीवर्सिटी के निशान इम्तियाज़ (लोगो) से उर्दू को निकाल देने पर एहतेजाज किया। उन्हों ने उर्दू ज़बान और तेलंगाना के साथ रवा इमतियाज़ी सुलूक के ख़िलाफ़ भी एहतेजाज किया और सनद हासिल करने से इनकार करदिया।
कैप्टन पांडव रंगा राव ने इस मौके पर चांसलर यूनीवर्सिटी-ओ-गवर्नर नरसिम्हन की तक़रीब में अदम शिरकत पर तन्क़ीद करते हुए कहा कि तेलंगाना के बाशिंदों को तेलंगाना में नाइंसाफ़ी होरही है। कैप्टन पांडव रंगा राव ने कहा कि उस्मानिया यूनीवर्सिटी जिस की बिना आख़िरी फ़र्मा नरवां मीर उसमान अली ख़ान ने एक उर्दू यूनीवर्सिटी की हैसियत से डाली थी मगर अफ़सोस कि इस के निशान इम्तियाज़ से ही उर्दू को ही निकाल दिया गया है जो उर्दू के साथ सरिह नाइंसाफ़ी है।
उन्हों ने बताया कि ना सिर्फ़ यूनीवर्सिटी के असल ज़रीये तालीम उर्दू को ख़त्म करदिया गया बल्के इस के लोगो में दर्ज उर्दू को भी हटा दिया गया जबके उर्दू आठवीं शैडूल में शामिल और रियासत की दूसरी सरकारी ज़बान है। उन्हों ने कहा कि उस्मानिया यूनीवर्सिटी के उर्दू तशख़्ख़ुस को ख़त्म करदेने पर किसी ने एहतिजाज नहीं किया।
उन्हों ने ये भी कहा कि उस्मानिया यूनीवर्सिटी और तेलंगाना के साथ अर्सा से मुआनिदाना सुलूक रवा रखा गया। कैप्टन पांडव रनगार राव ने अपना एहतेजाज दर्ज करते हुए उर्दू, उस्मानिया यूनीवर्सिटी और तेलंगाना के दाइम रहने पर नारे भी लगाए लगाए। मेहमान ख़ुसूसी प्रोफेसर गवर्धन महित ने 10 मुख़्तलिफ़ शोबों में 279 पी एच डी और 8 एमफिल तलबा में अस्नाद तक़सीम किए।
मुख़्तलिफ़ शोबों में नुमायां मुज़ाहरा करने पर 29 तलबा को गोल्ड मैडलस अता किए गए। प्रोफेसर महित ने अपने ख़ुतबे में तलबा को मश्वरा दिया कि वो अपने अमली ज़िंदगी में अपनी महारत और तवक़्क़ुआत से भरपूर इस्तिफ़ादा करते हुए मुल्क और इंसानियत की ख़िदमत करें लेकिन ये याद रखें कि सीखने का अमल डिग्री के साथ ख़त्म नहीं होता इस लिए ताहयात सीखते रहीं। अपनी ज़िंदगी की किताब की तदवीन के लिए इलमीयत, भुला देने और दुबारा सीखने के अमल को जारी रखें।