तुर्की के मशहूर ओटोमन साम्राज्य(उस्मान साम्राज्य) के सुलतान अब्दुल हमीद-2 ने दुनिया भर के मुसलमानों के लिए अच्छी परियोजनाएं शुरू करने की कोशिश की थी उसी में से एक थी इस्तांबुल से लेकर मदीना शहर तक की रेल लाइन. उन्होंने बगदाद-बर्लिन रेलवे की भी पूरी तैयारी की थी लेकिन कुछ युद्ध और परिस्थितियों ने ये सब बहुत मुमकिन नहीं होने दियी. दमिश्क से मक्का जाने के रेल लिंक की योजना उस दौर में बनायी गयी थी जब हज करने जाने वाले लोगों के लिए बहुत सुविधाएं ना थीं और हवाई जहाज़ जैसी व्यवस्था नहीं आई थी. हज में महीनों का सफ़र लगता था लेकिन इस्तांबुल से मक्का जाने के लिए जो रेल लाइन बनायी गयी थी वो महज़ पांच दिनों का वक़्त लेती थी. इस योजना के तहत पूरे मुसलमानों को एक सूत्र में जोड़ने की कोशिश की गयी थी लेकिन ओटोमन साम्राज्य के पतन के बाद ये सब एक ख्व़ाब बन के रह गया वहीँ ओटोमन साम्राज्य के विघटन के बाद मुस्लिम देश आपस में झगडा करने में ज़्यादा वक़्त बिताने लगे बजाय कुछ अच्छा काम करने के.
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