कीनदरापाड़ा 26 अक्तूबर (पी टी आई) दीवाली जैसे तहवारों के मौक़ा पर पटाख़ों की तलब में इज़ाफ़ा के पेशे नज़र बच्चों को उड़ीसा के ज़िला कीनदरा पाड़ा के पटाखा कारख़ाना में काम करने पर मजबूर होना पड़ता है।
बच्चे ख़तरनाक हालात में पटाख़े बनाते हैं जिस केलिए ख़ुद उन के वालदैन उन्हें मजबूर करते हैं। हुक़ूक़ इतफ़ाल कारकुन बनाईक स्वेन के बमूजब जो लोग अपने बच्चों को पटाखा कारख़ानों में काम करने पर मजबूर करते हैं, वो इस बात से नावाक़िफ़ हैं कि बच्चों को पटाखा बनाने के काम में मसरूफ़ करने पर क़ानूनी इमतिना आइद है।
बच्चों को इस सनअत में मुलाज़िम रखना क़ानून बच्चा मज़दूरी इमतिना के तहत ताज़ीरी जुर्म ही। पटाखा तैय्यार करनेवाली एक कंपनी के मालिक घनश्याम जीना ने कहा कि बच्चों को इस ख़तरनाक काम की मुलाज़िम देना कोई ग़लती नहीं है। यही उन की कमाई का ज़रीया है।
हम उन्हें सिर्फ उन के बच्चे होने की बिना पर कमाई से महरूम क्यों करे। हर एक को अपना ख़ानदानी पेशा में अपने बच्चों को शामिल करने का हक़ हासिल है। एक और पटाखा साज़ सोहाल जीना ने कहा कि ये मौरूसी क़दीम पेशा जुज़ वक़्ती काम बन गया है। सिर्फ शादीयों और दीवाली के मौक़ा पर बच्चों से मदद ली जाती है।